दिल्ली। केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की एक टिप्पणी से इन दिनों बवाल मच गया है। उनकी टिप्पणी के बाद हिंदी भाषा फिर से गैर हिंदी भाषियों के निशाने पर आ गई है।
दरअसल, हाल ही में डाक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए आयोजित वर्चुअल ट्रेनिंग सेशन के दौरान उनकी एक टिप्पणी पर विवाद हो गया है। केंद्रीय आयुष सचिव, कोटेचा ने वर्चुअल सेशन में हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों से कहा कि जिन लोगों को हिंदी नहीं आती है, वह सेशन छोड़कर जा सकते हैं क्योंकि उन्हें अच्छी इंग्लिश नहीं आती है। आयुष विभाग के सचिव के इस बयान पर वहां मौजूद गैर हिंदी भाषी प्रतिभागियों ने आपत्ति जताई।
इस घटना की खबर मिलने के बाद हिंदी विरोध को लेकर मुखर रहने.वाले तमिल नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। डीएमके सांसद कनिमोझी ने तो कोटेचा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और उन्हें निलंबित करने की मांग की है। कनिमोझी ने ट्वीट किया कि, केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव का मंत्रालय के ट्रेनिंग सेशन में हिंदी न बोलने वाले प्रतिभागियों को जाने के लिए कहना दिखाता है कि हिंदी को थोपा जा रहा है। यह बेहद निंदनीय है। सरकार को सचिव को निलंबित करना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।