रायपुर. प्रत्येक मास में एक अमावस्या आती है और प्रत्येक सात दिन में एक शनिवार. परंतु ऐसा बहुत कम होता है जब अमावस्या शनिवार को हो. हमारे धर्मग्रंथों में अमावस्या का शनिवार को पड़ने पर बहुत से दुखों तथा द्रारिदयहरण का कारक माना जाता है. इस दिन व्रत तथा पूजन करने पर जीवन दुखरहित होकर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति का कारण हेाता है. इस दिन स्नान कर भगवान षिव के पूजन का विधान है. प्रातःकाल किसी नदी या सरोवर पर स्नान कर भगवान शंकर, पार्वती और तुलसी की एक सौ आठ परिक्रमा करें और प्रत्येक परिक्रमा में कोई वस्तु चढ़ायें.

इसके पष्चात् वे सभी वस्तुएं किसी जरूरतमंद को दान का दिनभर भगवान शंकर के मंत्रों का मानसिक जाप करते हुए सायंकाल पुनः सरसों के तेल का दीपक वृक्ष पर जलाकर व्रत का पारण करें. ऐसा करने पर जीवन से दुख दूर होकर जीवन में सुख तथा विवाद की समाप्ति होकर जीवन र्निविवाद बनता है. आज के दिन भगवान शनिश्चर की पूजा भी की जाती है. जीवन में अभाव तथा दरिद्रता से पीडि़त लोग आज के दिन भगवान शनि की उपासना करके सभी अभावों से मुक्त हो सकते हैं. शनि की अमावस्या भगवान शनि की उपासना के लिए विषेष मानी जाती है.

इस दिन प्रातःकाल स्नान संकल्पपूर्वक व्रत करना चाहिए. भगवान शनि का अभिषेक तेल से करना चाहिए. तथा विष्णुकांता के पुष्प चढ़ाकर भगवान शनि की प्रसन्नता के लिए काले तिल, काली उड़द, लोहे का छल्ला तथा सरसो का तेल और शहद और गुड़ का दान करना चाहिए. इस दिन याचकों को यथाशक्ति दान करना चाहिए और जरूरतमंदों की अपने हाथो से सेवा करनी चाहिए. ऐसा करने से सभी मनोरथ पूरे होते हैं.

इस दिन क्या करें

– शनिवार का व्रत रखें.

– व्रत के दिन शनिदेव की पूजा (कवच, स्तोत्र, मंत्र जप) करें.

– शनिवार व्रत कथा पढ़ना भी लाभकारी रहता है.

– व्रत में दिन में दूध, लस्सी तथा फलों के रस ग्रहण करें.

– सायंकाल हनुमानजी या भैरवजी का दर्शन करें.

– काले उड़द की खिचड़ी (काला नमक मिला सकते हैं) या उड़द की दाल का मीठा हलवा ग्रहण करें.

शनि संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने और साथ ही उनकी कृपा से अपने काम बनाने के लिए जाने खास उपाय

शनिश्चरीय अमावस्या के दिन अपने पितरों की शांति के लिए गेहूं के आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होगी और अपने पूर्वजों की कृपा भी प्राप्त होगी.

इस दिन आप किसी मंदिर में जाकर अनाज का दान करें, किसी मरीज को दवाईयां दान करें, जैसे जैसे मरीज स्वस्थ होता जायेगा, आपके जीवन में सौभाग्य बढ़ेगा.

शनिश्चरीय अमावस्या के दिन शनि देव को तेल चढ़ाएं. इसके अलावा काली उड़द, काले तिल, लोहा और काले कपड़े का भी दान करें. ऐसा करने से पित्रों की कृपा से जीवन के सारे कष्ट दूर जायेंगे.

अमावस्या के दिन एक नीबू को चार टुकडों में काट लें, अब इसे किसी चैराहे पर जाकर चारों दिशाओं में एक-एक टुकड़ा अपने पित्रों का स्मरण करते हुए फेंक दें, इससे किसी के घर पर लगी किसी की बुरी नजर उतर जाती है.

पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात बार उसकी परिक्रमा करें. मात्र इस उपाय से राहु, शनि और केतु के दोष दूर होते हैं. पितृमोक्ष अमावस्या के दिन हनुमानजी को भोग लगाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें.

शिवलिंग पर जल, दूध और काले तिल चढ़ाएं, अमावस्या के दिन क्रोध और अनैतिक कार्यों से दूर रहें. पितृमोक्ष अमावस्या को पितरों के निमित्त किसी गरीब को दूध का दान करें.