दिल्ली. भारत में संपन्नता के साथ आर्थिक असमानता की खाई दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. क्रेडिट स्विस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2018 में सामने आया है कि देश के दस फीसदी सबसे अमीर लोगों के पास तीन चौथाई से ज्यादा यानी करीब 77.4 फीसदी दौलत है, जबकि सबसे गरीब 60 फीसदी आबादी के पास महज 4.7 फीसदी संपत्ति है.
रोजाना दो डॉलर से कम आय को पैमाना माने तो भारत में गरीबी तो पिछले 10-12 सालों में 55 फीसदी से 28 फीसदी रह गई है और भारत में मध्यम वर्ग भी तेजी से उभर रहा है, लेकिन संपत्ति में गरीबों को उचित हिस्सा नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि सबसे अमीर एक फीसदी लोगों के पास जितनी संपत्ति है, उसका दस फीसदी हिस्सा भी सबसे गरीब 60 फीसदी आबादी के पास नहीं है.
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमीरों और गरीबों के बीच खाई चौड़ी हो रही है. आर्थिक असमानता को आंकने वाले गिनी वेल्थ कोफिसिएंट के मुताबिक, 2013 में भारत में असमानता का स्तर 81.3% था जो 2018 में 85.4% पहुंच गया है.
औसत आय में अंतर के मामले में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत, चीन और ब्राजील जैसे विकासशील देशों से कहीं आगे हैं. भारत में प्रति वयस्क औसत आय 1289 डॉलर, ब्राजील में 4263 डॉलर, चीन में 16,133 डॉलर, अमेरिका में 61,667 डॉलर और ऑस्ट्रेलिया में 191453 डॉलर है.