दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस राफेल के साथ बेरोजगारी का मुद्दा भी जोरशोर से उठा रही है। राहुल गांधी अपने हर रैली में बेरोजगारी पर जमकर मोदी सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। इस बीच बेरोजगारी पर एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिससे मोदी सरकार को झटका लग सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 से 2018 के बीच 50 लाख लोगों की नौकरियां चली गईं। साल 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब नोटबंदी की गई और 1000-500 के नोट बंद कर दिए गए उसके बाद से ये रिपोर्ट तैयार की गई है। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (बेंगलुरू) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 से 2018 के बीच 50 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 की तीसरी तिमाही यानी सितंबर 2016 से दिसंबर 2016 के बीच शहरी और ग्रामीण लोगों की लेबर पार्टिशिपेशन फोर्स में भागीदारी अचानक कम होने लगी. इसका मतलब है कि सितंबर 2016 नौकरियों में कमी आने लगी। वहीं 2017 की दूसरी तिमाही में इसकी दर में थोड़ी कम आई, लेकिन बाद में नौकरियों की संख्या लगातार कम होती गई, जिसमें कोई सुधार नहीं हुआ।

नोटबंदी से भविष्य में भी नौकरी का संकट होने की बात कही गई है और अभी रिपोर्ट का दावा है कि अब तक नोटबंदी के बाद बने हालात सुधरे नहीं है. वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि 20-24 आयु वर्ग में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है और नोटबंदी से पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुई हैं।