आम आदमी पार्टी की प्रेस वार्ता से जाट समाज के नेता केजरीवाल से मिलने पहुंचे हैं, हाल ही में केजरीवाल ने BJP  पर जाटों से वादा खिलाफी का आरोप लगाया था. केजरीवाल ने कहा कि सरकारें जाट आरक्षण का वादा तो करती हैं, लेकिन उन वादों को कोई सरकार पूरा नहीं करती.

आज अपने घर पर जाट समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने बीजेपी द्वारा पिछले 10 सालों से आरक्षण के मुद्दे पर ठगे जाने पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की और कहा कि दिल्ली के जाट समाज को अन्याय हो रहा है.

इस मामले में जाट समाज के प्रतिनिधियों ने AAP का समर्थन किया और कहा कि हम जाट समाज की इस उचित मांग के साथ हैं.

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उन्हेंने कहा कि राजस्थान से जाट लोग दिल्ली में चिकित्सा या कॉलेज में दाखिला लेने आते हैं तो उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाटों को ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं. हालांकि, 2015 में, 2017 में और 2022 में केंद्र सरकार ने जाटों को केंद्रीय ओबीसी कोटे में डालने का वादा किया था.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को, दिल्ली के जाटों को आरक्षण देने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीजेपी ने 10 सालों से जाटों को धोखा दिया है.

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केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चुनाव से पहले दिल्ली के जाटों की याद आनी चाहिए, इसलिए केंद्र सरकार के किसी कॉलेज, विश्वविद्यालय या संस्था में आरक्षण नहीं मिलता. दिल्ली में राजस्थान के जाटों को आरक्षण मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाट समाज को आरक्षण नहीं मिलता. केंद्र की ओबीसी लिस्ट में पांच और जातियां नहीं हैं.

इस बारे में अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा, जिसमें वे ओबीसी की सूची में जाटों को शामिल करने की मांग करते हैं. केजरीवाल ने कहा कि आपने दिल्ली के जाटों को धोखा दिया है, क्योंकि दिल्ली में ओबीसी का दर्जा प्राप्त सभी जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल किया जाए.

चिट्ठी में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने दस साल से जाटों को ओबीसी आरक्षण के नाम पर धोखा दिया है. 2015 में, आपने जाट नेताओं को घर बुलाकर वादा किया था कि दिल्ली के जाटों को ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन 2019 में अमित शाह ने ऐसा नहीं किया.

केजरीवाल ने सवाल उठाया कि राजस्थान के जाटों को दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण मिलता है, तो दिल्ली के जाटों को क्यों नहीं मिलता? केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में नहीं होने से हजारों जाट विद्यार्थियों को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिलता.