आरिफ कुरैशी, श्योपुर। Republic Day 2024: मध्य प्रदेश में आज गणतंत्र दिवस की धूम रही। कैबिनेट मंत्री ऐदल सिंह कंसाना वीर सावरकर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम पहुंचे। लेकिन यहां कार्यक्रम न होने के बाद बवाल हो गया। बच्चे अपनी परफॉर्मेंस न होने की वजह से नाराज थे। इसकी शिकायत करने जब वह कलेक्टर के पास पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें धक्का दे दिया। धक्का मुक्की में 3 बच्चे बेहोश हो गए। 

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बच्चों के बेहोश होने पर लापरवाह शिक्षक उन्हें इलाज के लिए भी नहीं ले गए। स्थानीय लोगों की मदद से सभी को ऑटो में भरकर अस्पताल पहुंचाया गया। होश में आने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है। 

क्या है पूरा मामला ?

वीर सावरकर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उनका आरोप है कि वह पिछले महीने भर से गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे लेकिन सारी तैयारी होने के बावजूद और अच्छा प्रेजेंटेशन देने के बावजूद उनके 10 मिनट के कार्यक्रम को 2 मिनट में ही रोक दिया गया। जबकि दूसरे निजी स्कूलों को 10 मिनट से ज्यादा समय का मौका दिया गया। कार्यक्रम के समय उनका प्रोग्राम बीच में काट दिया गया। जिसकी शिकायत कलेक्टर से करने के लिए कलेक्ट्रेट पर पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोककर उनके साथ धक्का मुक्की कर दी। इस वजह से वह बेहोश हो गए।

बताया गया है कि 26 जनवरी के मुख्य कार्यक्रम में देशभक्ति से जुड़ा कार्यक्रम करने के लिए शहर के एक्सीलेंस स्कूल के बच्चों ने तैयारी की थी। पिछले 20 से 25 दिनों से उनकी नियमित प्रेक्टिस भी चल रही थी। उनका प्रोग्राम सिलेक्ट भी हो गया लेकिन 26 जनवरी को इनका कार्यक्रम होने से पहले ही रोक दिया गया। इसे लेकर बच्चों ने अपने टीचरों से भी बात की लेकिन जब उनकी सुनवाई नहीं की तो बच्चे शिकायत लेकर कलेक्टर संजय कुमार के पास कलेक्ट्रेट पर पहुंचे। यहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें कलेक्टर से मिलने से रोक दिया। 

बच्चे जब कलेक्टर से मिलने की जिद करने लगे तो उनका आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उनके साथ धक्का मुक्की कर दी। बच्चे सुबह से कार्यक्रम में होने की वजह से भूखे प्यासे भी थे जिसके चलते दसवीं क्लास के वेदांत गोयल और विनीत राठौर सहित तीन बच्चे बेहोश हो गए।  जिन्हें उनके टीचरों ने अस्पताल तक नहीं पहुंचाया बल्कि उन पर बहानेबाजी और नौटंकी करने के आरोप लगा दिए। परेशान बच्चों को स्थानीय लोगों की मदद से अपने साथी छात्रों को ऑटो में लिटाकर जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा जहां प्राथमिक उपचार के बाद स्पताल के डॉक्टरों ने किसी के दबाव में पूरी ड्रिप चढ़ाने से पहले ही अस्पताल से रिलीव कर दिया। 

बच्चों का आरोप है कि वह शासकीय स्कूल में पढ़ते हैं इस वजह से उनका कार्यक्रम नहीं कराया गया था। जबकि प्राइवेट स्कूलों के सभी कार्यक्रम कराए गए। शिकायत करना कोई गुनाह नहीं है फिर पुलिस ने उनके साथ धक्का मुक्की और बदसलूकी क्यों की ? उन्होंने पुलिस के अलावा अस्पताल प्रबंधन और स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप है कि बेहोश छात्रों को उनके स्कूल के टीचरों ने अस्पताल तक नहीं पहुंचाया। 

इस मामले में एबीवीपी छात्र संगठन ने हस्तक्षेप कर स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने और पुलिसकर्मियों पर छात्र-छात्राओं को धक्का मुक्की कर गिराने के आरोप लगाए हैं। साथ ही संबंधित लोगों पर कार्रवाई की मांग भी की है।

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