बिलासपुर. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मंत्री रहे और बिलासपुर शहर के 4 बार विधायक अमर अग्रवाल को चुनाव में करारी शिकस्त देकर विधायक बने शैलेष पांडेय महीने में दूसरी बार चर्चा के केंद्र में है. इस बार शासन ने उनकी उपेक्षा करते हुए बिलासपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में उनकी जगह तखतपुर विधायक रश्मि सिंह को मुख्य अतिथि बनाया है. इससे विधायक शैलेष पांडेय के साथ-साथ उनके समर्थकों में भी नाराजगी देखी जा रही है.
समर्थक सवाल करते हैं कि नाराजगी और गुटबाजी तब तक जायज लगती है, जब तक चुनाव न संपन्न हो जाए. चुनाव में जनता ने भारी बहुमत देकर विधायक नियुक्त किया है, और उसकी ही उपेक्षा उसी सरकार द्वारा की जाएगी, तो इसका खामियाजा कौन भुगतेगा समझा जा सकता है. शैलेश पाण्डेय ने 4 बार के विधायक और 3 बार के मंत्री अमर अग्रवाल को चुनाव में करारी शिकस्त दी. उनको भले ही मंत्री न बनाया गया हो, पर वे हैं तो जनता के चुने हुए विधायक. उनका अपमान तो जनता का अपमान है.
समर्थकों ने कहा कि ध्वाजारोहण करने से कोई महान नहीं बनता, लेकिन बिलासपुर में पुलिस परेड ग्राउंड पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में तखतपुर की विधायक को मुख्यातिथि बनाना कहां का न्याय है. समर्थकों ने आगाह किया है कि शैलेष पांडेय सिर्फ पार्टी का एक छोटा सा विधायक नही बल्कि 7 विधानसभा सीट वाले सबसे बड़े जिले का विधायक है. 26 जनवरी में अभी भी वक्त है. मौका रहते यदि इस गलती को कांग्रेस सुधार सकती है, तो शायद जनता के आक्रोश से बच सकती है, नहीं तो एक बार फिर बिलासपुर की जनता ये सोचने को मजबूर हो जाएगी कि क्या ये ही दिन देंखने के लिए 20 साल बाद कांग्रेस को मौका दिया था.
यह जनता का अपमान
गणतंत्र दिवस समारोह में तखतपुर विधायक को बिलासपुर में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि बनाए जाने पर विधायक शैलेष पांडे ने कहा कि ये जनता का अपमान है. शासन को सोचना चाहिए.