कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. Republic Day 2025: देश मे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के प्रति लोगों की दीवानगी बढ़ती जा रही है. गणतंत्र दिवस के लिए देश की सर्वश्रेष्ठ तिरंगा बनाने वाली ग्वालियर की मध्य भारत खादी संस्था के पास तिरंगे की मांग इस बार 5 गुना बढ़ी. मध्य भारत खादी संघ 25 जनवरी तक एक करोड़ रुपये कीमत के झंडे सप्लाई कर चुका है, जिसमें देश के 14 राज्यों में 22000 से ज्यादा झंडे सप्लाई किए. देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था में तिरंगा झंडा तैयार करने में 6 दिन का समय लगता है. यहां 180 से लेकर 9000 रुपये तक कीमत के झंडे बनाए जाते हैं.

देशभर में आज गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. संस्थानों से लेकर लोग अपने घरों में “तिरंगा” फहरा रहे हैं. यही वजह है कि तिरंगे की मांग इस बार पांच गुना ज्यादा बढ़ गई. ऐसे में राष्ट्रीय ध्वज निर्माण एजेंसियां बड़ी मात्रा में तिरंगा बनाने में जुटी रही. ग्वालियर में बने तिरंगे की देशभर में मांग है. ग्वालियर में मध्य भारत खादी संघ की स्थापना 1925 में चरखा संघ के तौर पर हुई थी. 1956 में मध्य भारत खादी संघ को आयोग का दर्जा मिला. ग्वालियर में बने तिरंगे की देश के 15 से ज्यादा राज्यों में सप्लाई होती हैं. मध्य भारत खादी संघ 25 जनवरी तक एक करोड़ रुपए कीमत के झंडे सप्लाई कर चुका है, जिसमें देश के 14 राज्यों में यह झंडे सप्लाई किए.

बता दे कि तिरंगा कई चरणों के बाद बनकर तैयार होता है. जिसमें धागा बनाना, कपड़े की बुनाई, ब्‍लीचिंग और डाइंग, चक्र की छपाई, तीनों पटिृयों की सिलाई, आयरन करना और टॉगलिंग (गुल्‍ली बांधना) शामिल है.

ग्वालियर में जो तिरंगे तैयार होते हैं, वो राष्ट्रीय ध्वज मानकों ISI के आधार पर होता है. तिरंगा झंडा के लिए धागा इसी केंद्र पर हाथों से तैयार किया जाता है, जिसमें ताना बाना की मजबूती से लेकर रंग तक राष्ट्रीय मानक के आधार पर रहता है. तिरंगे की सिलाई के दौरान कपड़े का मेजरमेंट, रंगों की मजबूती, सहित अन्य मानकों को जांचने के लिए मशीनों से टेस्टिंग की जाती है. करीब 20 से ज्यादा टेस्टिंग से गुजरने के बाद तिरंगा तैयार होता है. तिरंगा बनाने वाले भी खुश हैं कि इस साल तिरंगा को लेकर लोगों में भारी क्रेज बढ़ा है. साथ ही इस बात का गर्व महसूस होता है कि वो देश की शान तिरंगा बनाने का काम करते हैं.

अलग-अलग स्थानों के लिए झंडे का आकार भी अलग-अलग होता है

1. सबसे छोटा 6:4 इंच का तिरंगा मीटिंग, कॉन्‍फ्रेंस आदि में टेबल पर रखा जाता है.

2. VVIP कारों के लिए इसका आकार 9:6 इंच होता है.

3. राष्‍ट्रपति, VVIP, एयरक्राफ्ट और ट्रेन के लिए इसका आकार 18:12 इंच होता है.

4. कमरों में क्रॉस बार पर दिखने वाले झंडे 3:2 फुट.

5. बहुत छोटी पब्लिक इमारत पर लगने वाले झंडे 5.5:3 फुट.

6. शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर पर लिपटे तिरंगे का आकार 6:4 फुट होता है.

7. संसद भवन और मध्यम साइज वाली सरकारी इमारतों के लिए इसका आकार 9:6 फुट,

8. गन कैरिएज, लाल किले और राष्‍ट्रपति भवन के लिए 12:8 फुट रखा गया है.

9. बहुत बड़ी सरकारी इमारत के लिए तिरंगे का आकार 21:14 फुट है.

राष्ट्रीय ध्वज की क्वालिटी को BIS चेक करता है. हर सेक्‍शन पर कुल 18 बार तिरंगे की क्‍वालिटी चेक की जाती है. देश मे हुबली और ग्वालियर में ही ISI मार्क वाले खादी के तिरंगे बनाए जाते हैं. देश की आनबान तिरंगा बनाने का गौरव गवलियर को मिला है, जिससे हर किसी को गर्व महसूस होता है.

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