देहरादून। उत्तराखंड के सिलक्यारा की सुरंग में फंसे 40 मजदूरों की जान पांचवें दिन भी हलक में फंसी है. छठवें दिन भी मजदूरों की निकालने की योजना पर काम चल रहा है. समय बीतने के साथ-साथ मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की संभावना क्षीण होती जा रही है. इस बीच केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) बचाव कार्य का जायजा लेने मौके पर पहुंच गए हैं.

जानकारी के अनुसार, सिलक्यारा सुरंग में मलबे में ड्रिल कर डाले जा रहे पाइप का किसी कठोर वस्तु ने रास्ता रोक दिया है. चौथा पाइप आधा जाकर रुक गया है. अभी तक ड्रिलिंग 21 मीटर ही हो पाई है. तीन पाइप पूरे और चौथा पाइप आधा ही गया है. अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं.

जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सिलक्यारा पहुंचे. रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल व एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने उन्हें निर्माणाधीन सुरंग व रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी. उन्होंने सुरंग के अंदर जाकर भी भूस्खलन वाली जगह का निरीक्षण किया.

वीके सिंह ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालना पहली प्राथमिकता है. इसके लिए प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि जब रेस्क्यू शुरू हुआ तो मलबा गिर रहा था. इसलिए मशीन से यहां ड्रिलिंग कर लोगों को बचाने का निर्णय लिया गया, लेकिन पुरानी मशीन में कुछ रुकावट आई. अब नई मशीन लगाई गई है, जिसकी पावर और स्पीड पुरानी मशीन से ज्यादा है. कोशिश है कि यह रेस्क्यू कार्य जल्द खत्म हो जाए.

बता दें कि बीते रविवार को हुए भूस्खलन से सिलक्यारा सुरंग में 70 मीटर तक मलबा फैला हुआ है. जिस गति से नई मशीन ड्रिलिंग कर रही है, उससे अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 48 घंटे का समय और लगने की आशंका जताई गई है.