रमेश सिन्हा, पिथौरा. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अभ्यारण्य क्षेत्रों में कई सुविधाओं के साथ-साथ वन्य जीवों को लाकर बतौर प्रदर्शनी रखा जाता है, ताकि सैलानियों का मन लुभाया जा सके. ऐसा ही एक जल-जंतु मगरमच्छ भी बारनवापारा के मरेर तालाब में लाया गया था, जिसके नन्हें-नन्हें बच्चे अब रायपुर स्थित जंगल सफारी में सैलानियों का मन मोहने करेंगे.

बता दें कि, बारनवापारा वन अभ्यारण्य क्षेत्र अंतर्गत मरेर तालाब में मगरमच्छों की तादात बढ़ने लगी है. मगरमच्छ के बच्चे इस तालाब से निकलकर दूसरे तालाब में जाने लगते हैं, जिसे पकड़कर जंगल सफारी रायपुर के रेस्क्यू सेंटर में ले जाकर छोड़ा जाता है, ताकि मगरमच्छों के वंशों में वृद्धि हो सके.

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बारनवापारा अभ्यारण्य के परिक्षेत्र अधिकारी कृषाणु चंद्राकर ने बताया कि, मगरमच्छ एक ऐसी प्रजाति है जो चारा नहीं मिलने पर अपने ही बच्चों को खाने की प्रवृत्ति रखता है. उन्होंने आगे कहा कि, ग्रामीणों ने मरेर तालाब से निकलकर कक्ष क्रमांक 107 स्थित तालाब में मगरमच्छ के छोटे बच्चे को देखा, जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई. जिसे तत्काल रेस्क्यू कर ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित पकड़कर जंगल सफारी रायपुर ले जाकर रखा गया, ताकि सुरक्षित रह सके. रेस्क्यू अभियान बारनवापारा अभ्यारण्य के अधीक्षक आनंद कुदारिया के दिशा-निर्देश पर परिक्षेत्र अधिकारी कृषाणु चंद्राकर बारनवापारा और प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी कोठारी पवन सिन्हा और विभागीय कर्मचारियों की कुशल सहभागिता से रेस्क्यू सफल रहा.