दिल्ली. सवर्ण आरक्षण बिल पर मंगलवार को करीब पांच घंटे तक जोरदार बहस हुई। इस बिल पर कुछ बोल विरोध में थे तो अधिकांश आवाजें कुछ शंकाओं के साथ समर्थन में थीं।
बिल को लोकसभा में पेश करते हुए सामाजिक मामलों के मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि अगड़ी जातियों के गरीब लोगों के लिए ये एक ऐतिहासिक बिल है। इसके साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बिल की जरूरत के साथ ही ये कहा कि जो दल इस बिल के समर्थन में हैं उन्हें दिल बड़ा कर आगे आना चाहिए।
लोकसभा में बहस के बाद मतदान की प्रक्रिया अपनाई गई और बिल के पक्ष में 323 सांसदों ने मतदान किया जबकि तीन सांसदों ने विरोध में मत डाले। लोकसभा से बिल पारित होने के बाद सदन में भारत माता के नारे गूंजे। लोकसभा में बंपर जीत के बाद अब इसे बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
लोकसभा से सवर्ण आरक्षण बिल पारित होने के बाद पीएम ने ट्वीट किया और कहा कि 124वां संविधान संशोधन बिल का पारित होना देश के इतिहास में ऐतिहासिक मौका है। इस बिल के पारित होने से समाज के सभी तबकों को बराबरी का मौका मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि वो इस मौके पर सभी सांसदों का दिल से शुक्रिया करते हैं जो इस ऐतिहासिक क्षण में हिस्सा बने और बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास सिर्फ एक नारा नहीं है, हम उसे जमीन पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमारी कोशिश है कि समाज का हर तबका, गरीब व्यक्ति उसकी जाति, मजहब कुछ भी हो उसे सम्मान के साथ न केवल जीने का हक मिले बल्कि उसके सामने समान अवसर उपलब्ध हो।