अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जारी है. सदन में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिली. सरकार के कर्ज लेने मुद्दा भी विधानसभा में उठाया गया. सदन में इस्तीफा चैलेंज के साथ अफसरों के लेकर कुत्तों तक के ट्रांसफर का मुद्दा भी उठा.

46 कुत्तों के हुए ट्रांसफर

नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का तांडव था. 15 महीने में 450 IAS और IPS के ट्रांसफ़र कर दिए. इनकी सरकार में 46 कुत्तों के भी ट्रांसफर किए गए. उनका क्या दोष था, क्या आपकी सरकार के खिलाफ भौंक रहे थे.

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सदन में इस्तीफा चैलेंज

मध्यप्रदेश विधानसभा में इस्तीफों की बयानबाजी नजर आई. नरोत्तम मिश्रा के बाद अब तरुण भनोत ने इस्तीफा चैलेंज दिया है. कर्जमाफी पर अपने अपने दावों के साथ इस्तीफा चैलेंज दिया है.

इस्तीफा चैलेंज में वित्तमंत्री जंगडिश देवड़ा भी कूद गए. वित्त मंत्री ने कहा कि कर्जा लेकर घी नहीं पिया. सड़क बनाई, विकास किया कांग्रेस ने कर्जा लेकर घी पिया. एक ईंट लगाई हो 15 महीने में तो कांग्रेस बताए.

तरुण भनोट ने कहा कि अगर यह कह दे कि कांग्रेस की सरकार में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ. तो मैं सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा. नहीं तो मंत्री जी इस्तीफा दें.

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सरकार के कर्ज लेने को लेकर विधानसभा में उठा मुद्दा

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार के कर्ज़ लेने का मुद्दा सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि कर्ज के पैसे से भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में खर्च होगा. 40 करोड़ रुपये का खाना महापौर ने खिलाया. विज्ञापन पर ही पिछले 20 साल में 40 अरब रुपये ख़र्च कर दिए गए. इवेंट में करोड़ों अरबों रुपये कर्च किए जा रहे हैं. कर्ज को लेकर सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिली.

राज्य मंत्री ओ पी एस भदौरिया और कांग्रेस विधायकों के बीच बहस हुई. ओ पी एस भदौरिया अपनी सीट से उठकर विरोध जातने लगे. नेता प्रतिपक्ष ने बोला कि सदन में ओ पी एस भदौरिया ने जो किया उसके लिए खेद व्यक्त करें. विश्वास सारंग ने कहा कि उनका ऐसा कोई मतलब नहीं था वो मुझसे बात करने के लिए उठकर आए थे.

स्पीकर गिरीश गौतम ने कहा कि उनके आचरण को हमने ठीक नहीं माना. हमने उनको इसके लिए बोल दिया है. प्रियव्रत सिंह ने कहा कि इनकी मंशा है. हंगामा करवाने की ताकि प्रस्ताव पर चर्चा ना हो. नेता प्रतिपक्ष और सज्जन सिंह ने कहा कि खेद व्यक्त किया जाए. बीस साल में ऐसा पहली बार हो रहा है.

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