अमृतसर. भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अमृतसर पहुंचने पर बताया कि जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के बाद टीम थोड़ी निराश जरूर हुई, लेकिन टीम ने ठान लिया कि वे बिना पदक के वापस नहीं लौटेंगे. इसी संकल्प और जज्बे के साथ खेलते हुए टीम ने कांस्य पदक हासिल किया. पेरिस ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर लौटी भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पदक जीतने पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि एक खिलाड़ी ही जानता है कि मेडल की असली कीमत क्या होती है.
उन्होंने कहा कि यह जीत टीम भावना के कारण ही संभव हो सकी है, और भविष्य में टीम गोल्ड मेडल भी जरूर जीतेगी. टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा दो गोल करने वाले हरमनप्रीत ने बताया कि जर्मनी से हार के बाद टीम को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे, जिनकी वजह से अगले मैच में जीत हासिल कर कांस्य पदक जीता जा सका. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ओलिंपिक के हर मैच में जीत के इरादे और खेल भावना के साथ मैदान में उतरी थी. हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास किया, और यही कारण रहा कि हम लगातार दूसरा पदक जीतने में सफल रहे.
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हरमनप्रीत ने यह भी कहा कि खेल के मैदान में जीत ही सबसे महत्वपूर्ण होती है. फील्ड या पेनाल्टी कॉर्नर का कोई महत्व नहीं होता, महत्व सिर्फ गोल करने और जीतने का होता है. टीम का हर खिलाड़ी खेल भावना के साथ हर मैच में उतरा और जीत दर्ज की. सभी खिलाड़ियों ने हिम्मत नहीं हारी और अपने मकसद को हासिल किया. यदि ओलिंपिक में मुझे सबसे ज्यादा गोल करने का मौका मिला, तो इसमें टीम का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा है.
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