दिल्ली. लोकसभा चुनाव में जुटे राजनीतिक दल में अंतिम चरण की 59 सीटों पर घमासान जारी है, वहीं दूसरी ओर नई सरकार को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इसी बीच चुनाव आयोग 23 मई को होने वाली मतगणना की तैयारियों में जुट गया है.

पहली बार मतगणना में वीवीपीएटी मशीनों से निकलने वाली पर्चियों और ईवीएम मशीनों का मिलान करने का प्रावधान है, जिससे चुनावी नतीजों में देर हो सकती है.

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि हर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले पांच मतदान केंद्रों की ईवीएम और वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान किया जाएगा.

देशभर की 543 लोकसभा क्षेत्रों के तहत 4120 विधासभा क्षेत्र हैं. इस हिसाब से कुल 20600 पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान होगा. यह मिलान मतगणना हॉल में वीवीपीएटी काउंटिंग बूथ (वीसीबी) के भीतर किया जाएगा, जो बैंक के कैशियर चैंबर की तरह होगा. अधिकारी के अनुसार एक पोलिग बूथ पर 800 से 2500 तक वोट होते हैं. आमतौर पर प्रत्येक बूथ की पर्चियों के मिलान में लगभग एक घंटे का समय लग सकता है. ऐसे में अंतिम नतीजों में 4-5 घंटे की देरी हो सकती है.