साइबर अपराधियों ने शेयर ट्रेडिंग के बहाने रक्षा विभाग के एक रिटायर्ड वैज्ञानिक से डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की. जालसाजों ने पूर्व आरबीआई गवर्नर और इनफोसिस के मालिक के डीप फेक वीडियो का उपयोग करके पीड़ित को धोखे में डाल दिया. इसके बाद, उन्होंने एक पोर्टल पर ऑनलाइन लाभ दिखाकर बड़ी राशि हड़प ली. गाजियाबाद की साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की खोज शुरू कर दी है.

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विजयनगर थानाक्षेत्र के एक सेवानिवृत्त रक्षा विभाग के वैज्ञानिक ने एक रिपोर्ट में बताया कि 27 अक्टूबर 2024 को उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से फोन आया. कॉल करने वाले ने खुद को एक ट्रेडिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताया. पूर्व वैज्ञानिक के अनुसार, उन्हें पूर्व आरबीआई गवर्नर और इनफोसिस के मालिक के डीप फेक वीडियो दिखाए गए, जिनमें मोटे मुनाफे का दावा करते हुए एफएक्स प्लेटफॉर्म पर निवेश करने के लिए कहा गया. आरोपियों ने ये वीडियो जूम मीटिंग लिंक के माध्यम से टेलीग्राम पर साझा किए और फिर उनसे टेलीग्राम ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा. इसके बाद, उन्होंने उनकी आईडी और पासवर्ड बनाकर अकाउंट में लॉगिन कर ट्रेडिंग करने का निर्देश दिया. जालसाजों ने पैसे ट्रांसफर करने के लिए यीपूआई आईडी प्रदान की, जिससे निवेश की गई राशि एफएक्स रोड खाते में दिखाई दी. पीड़ित का कहना है कि बड़े लेनदेन यूपीआई के माध्यम से किए जाते थे.

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जितना अधिक निवेश करेंगे, उतना ही लाभ प्राप्त होगा: एक पूर्व वैज्ञानिक ने बताया कि उन्होंने 28 अक्टूबर 2024 को अपने एसबीआई खाते से 18,159 रुपये ट्रांसफर किए. इसके बाद उन्हें एक कॉल आई जिसमें कहा गया कि उन्होंने 20,000 रुपये कमाए हैं. कॉल करने वाले ने यह भी बताया कि अगर वह और अधिक कमाई करना चाहते हैं, तो उन्हें बड़ी राशि का निवेश करना होगा. मुनाफे के साथ राशि एफएक्स रोड के पोर्टल पर दिखाई दे रही थी. अधिक लाभ के लालच में उन्होंने आरोपियों द्वारा दी गई यूपीआई आईडी पर एक लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद पोर्टल पर उन्हें और अधिक मुनाफा दिखाया गया. पूर्व वैज्ञानिक का कहना है कि जालसाजों ने मोटी कमाई का प्रलोभन देकर उनसे लगभग डेढ़ करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए. जैसे-जैसे उन्होंने अधिक राशि ट्रांसफर की, जालसाजों ने उतना ही बड़ा मुनाफा पोर्टल पर प्रदर्शित किया, जिससे वह लगातार निवेश करते गए.

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रिटायर्ड वैज्ञानिक के अनुसार, उन्होंने वही व्यापार चुना जो आरोपियों ने सुझाया था. इसके बावजूद, आरोपियों ने उन पर गलत व्यापार का आरोप लगाते हुए लगभग तीन लाख पचास हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. इसके अतिरिक्त, आरोपियों ने यह भी कहा कि उनका खाता ऋणात्मक स्थिति में है, जिसे सकारात्मक बनाने के लिए उन्हें साढ़े पांच लाख रुपये जमा करने को कहा गया. जालसाज समय-समय पर उन्हें धन निकालने की अनुमति भी देते रहे.

रुपये खत्म होने पर ठगों ने तोड़ा संपर्क

पूर्व वैज्ञानिक ने बताया कि जब भी वह पैसे निकालने की कोशिश करते, जालसाज उन्हें किसी न किसी नियम, शर्त या गलती का हवाला देकर और पैसे भेजने के लिए मजबूर करते थे. अंततः जालसाजों ने दावा किया कि उन्होंने लगभग एक करोड़ रुपये कमा लिए हैं, जिसके चलते उन्हें टैक्स चुकाना होगा. इस बार उनसे 4.69 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया. चूंकि वह पूरी तरह से वित्तीय रूप से खाली हो चुके थे, उन्होंने पैसे भेजने में असमर्थता व्यक्त की. इसके बाद जालसाजों ने उनसे संपर्क करना बंद कर दिया.

ठगी होने पर यहां शिकायत करें

साइबर ठगी की घटना के बाद जितनी शीघ्रता से आप शिकायत दर्ज कराएंगे, उतनी ही आसानी से धनराशि को फ्रीज कराया जा सकेगा. ठगी के 24 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 1930 या राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर अपनी शिकायत अवश्य प्रस्तुत करें.

बरतें ये सावधानी

1. यदि कोई व्यक्ति फोन कॉल करके आपको लोन दिलाने का प्रस्ताव देता है, तो उसकी बातों में न आएं और सतर्क रहें.

2. अनजान व्यक्तियों के साथ अपने बैंक खाते, आधार नंबर, पैन आदि महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने से बचें.

3. जब कोई अनजान व्यक्ति आपको किसी सोशल मीडिया ग्रुप में जोड़ता है, तो उससे इस कदम का कारण अवश्य पूछें.

4. यदि कोई व्यक्ति आपको कम समय में भारी मुनाफा कमाने का आश्वासन देता है, तो उस पर विश्वास न करें और सावधान रहें.

5. वीडियो और वेब पेज को लाइक करने पर बड़ी कमाई का दावा करने वाले झांसे में न आएं.