कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश में घूस लेने वाले एक घूसखोर अधिकारी को सजा सुनाई है। नगर निगम के रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी को 4 साल की सजा हुई है। विशेष अदालत ने नगर निगम के रिटायर्ड अधिकारी डॉ. एसके मित्तल को यह सजा सुनाई है। 13 मार्च 2014 को लोकायुक्त ने डॉ. एसके मित्तल को ट्रेस किया था। नाले की सफाई का भुगतान करने की एवज में 6 हजार की रिश्वत ली थी।उन्हें लोकायुक्त ने दफ्तर में ही रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

विशेष लोक अभियोजक के अनुसार 7 मार्च 2014 को निगम के क्षेत्राधिकारी बहोड़ापुर अजय गुप्ता ने मोती महल स्थित लोकायुक्त कार्यालय में निगम के तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी और गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर के प्रभारी एसके मित्तल के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया था। इसमें बताया गया था कि 3 जून 2013 को मित्तल ने जीवाजी गंज स्थित नाले में सफाई कार्य के लिए आदेशित किया। इस कार्य के लिए एक लाख 40 हजार 800 रुपए का अग्रिम चेक दिया गया। आवेदक ने यह काम जून 2013 में पूरा कर दिया और मजदूरों को भी पूरा भुगतान कर दिया,

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लेकिन जब उन्होंने सितंबर 2013 में प्रकरण तैयार कर 70 हजार 400 रुपए के बचे हुए भुगतान की मांग मित्तल से की इस पर उन्होंने प्रकरण को स्वीकृत करने के लिए ₹6000 की रिश्वत मांगी। इसके बाद अजय गुप्ता ने मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से की। उनके शिकायती आवेदन को संज्ञान में लेते हुए एसपी ने निरीक्षक शैलजा गुप्ता को निर्देशित किया था। इसके बाद मित्तल को रंगेहाथ पकड़ने के लिए लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाया और चिड़िया घर के गेट पर रिश्वत लेते पकड़ लिया। लोकायुक्त ने जांच के बाद 2015 में कोर्ट में चालान पेश किया था।

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