कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट के ड्राइवर ने बुजुर्ग की बीमारी और अकेलेपन का फायदा उठाकर लाखों की ठगी कर डाली. ड्राइवर ने बुजुर्ग के मोबाइल में यूपीआई चालू कर दिया, फिर चोरी-छिपे अपनी पत्नी और दोस्त के साथ मिलकर 58 दिनों में 21 ट्रांजेक्शन कर खाते से 16 लाख 5 हजार रुपए निकाल लिए.
बुजुर्ग को भनक न लगे इसके लिए आरोपी ने खाते से पैसे कटने के मैसेज भी मोबाइल से डिलीट कर दिए. जब एक मैसेज बुजुर्ग ने पड़ लिया तब ठगी का खुलासा हुआ. उन्होंने अपनी बेटी के साथ थाटीपुर थाने में शिकायत कराई. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
दरअसल, यह मामला ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र का है. जहां माधवराव सिंधिया इन्कलेव में रहने वाले 79 साल के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट ओमप्रकाश सिंह की पत्नी का 4 साल पहले कैंसर से निधन हो चुका है. तब से वे अकेले रह रहे हैं. उनके ड्राइवर अमन राज, उसकी पत्नी और दोस्त हर्ष जरेनिया ने मिलकर साजिश रची और सेवा के बहाने बुजुर्ग का भरोसा जीत लिया.
ड्राइवर ने 2 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच 21 ट्रांजेक्शन कर खाते से 16 लाख 5 हजार रुपए निकाल लिए गए, लेकिन 29 नवंबर को ड्राइवर एक मैसेज डिलीट करना भूल गया. ओमप्रकाश की नजर जैसे ही मोबाइल पर पड़ी, उन्हें पता चल गया कि उनके साथ ठगी हुई है.
उन्होंने 5 दिसंबर को बेंगलुरु में रहने वाली बेटी मंजू सिंह को फोन कर पूरी घटना बताई. वहीं धोखाधड़ी सामने आने के बाद से ओमप्रकाश गहरे तनाव में हैं और उनकी हालत और बिगड़ गई.
बेटी-दामाद ने उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
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