शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी चरम पर है. आए दिन कोई न कोई अधिकारी-कर्मचारी ट्रैप किए जा रहे हैं. बावजूद इसके रिश्वत लेने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है. अब घूस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एमपी में करीब दो साल में 277 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े गए हैं. इस अवधि में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 18 अधिकारी-कर्मचारियों को घूस लेते पकड़ा है. इसमें ज्यादातर छोटे लेवल के ही लोग है. बड़ी मछली तो हमेशा पकड़ से दूर रहती है. जबकि कोरोना काल में सरकारी दफ्तर काफी कम खुले है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी दिनों में कैसी स्थिति रहती होगी. मप्र विधानसभा में लगाए गए एक प्रश्न में यह बात सामने आई है.
दरअसल मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सवाल किया था कि 1 अप्रैल 2020 से अब तक कितने रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी पकड़े गए हैं. जिसके जवाब में बताया गया कि लोकायुक्त की टीम ने 1 अप्रैल 2020 से 2 मार्च 2022 तक एमपी में 277 सरकारी अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते धरे गए हैं. इस अवधि में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 18 अधिकारी-कर्मचारियों को घूस लेते पकड़ा है. जो कि मप्र के लिए शर्मनाक है. वो भी ऐसे समय में जब पिछले 2 सालों में कोरोना काल के दौरान काफी कम सरकारी दफ्तर खुले थे.
जानिए क्या पूछा गया सवाल औऱ क्या मिला जवाब ?
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सदन में मुख्यमंत्री से सवाल किया पूछा था कि राज्यपाल की तरफ से 22 फरवरी 2021 को दिए गए अभिभाषण के बिंदु क्र. 14 में आत्म-निर्भर निर्माण में सुशासन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है. नागरिकों के कार्य सुगमता के साथ, बिना लिये दिये और बिना चक्कर लगाये समय से संपन्न हो यही सुशासन का केन्द्र बिन्दु है. इसका उल्लेख किया गया था ?
यदि हां तो 1 अप्रैल 2020 प्रश्न दिनांक तक की अवधि में लोकायुक्त पुलिस और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने मध्यप्रदेश के शासकीय/अर्द्धशासकीय कर्मचारी/अधिकारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेने के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं ? आरोपियों के नाम, पद पदस्थापना स्थल और दर्ज प्रकरण क्रमांक दिनांक वार बताएं. प्रकरणवार पूर्ण ब्यौरा दें. क्या प्रदेश के सरकारी कार्यालय/निगम, मण्डल आदि में सहकारी संस्थाओं में नागरिकों के कार्य बिना लिये दिये और बिना चक्कर लगाये समय से सम्पन्न नहीं हो रहे हैं ? यदि हां तो क्या यही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कल्पना है ?
जिसके जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से जवाब दिया गया कि विशेष पुलिस स्थापना ( लोकायुक्त) ने 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रंगे हाथ रिश्वत लेने (ट्रैप) 277 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है. आरोपियों के नाम पद, पदस्थापना, दर्ज प्रकरण क्रमांक और दिनांक सहित प्रकरणवार पूर्ण ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“अ” अनुसार है. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रंगे हाथ रिश्वत लेने (ट्रेप) 18 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है.
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