कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। बिहार के बाद मध्यप्रदेश में भी संदिग्ध वोटर्स की जानकारी सामने आई है। यह बड़ा खुलासा मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के वोटर लिस्ट रिव्यू में हुआ है। एमपी के ग्वालियर नगर निगम शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा संदिग्ध पते वाले वोटर्स सामने आए है। इनमें हैरानी की बात यह भी है कि एक ही एड्रेस पर 50 से 100 वोटर्स रह रहे है।

फिजिकल वेरिफिकेशन के निर्देश

बिहार में उठा फर्जी और संदिग्ध वोटर्स का सियासी मुद्दा अभी ठंडा भी नही हुआ था कि मध्य प्रदेश में भी बड़ी संख्या में संदिग्ध वोटर्स सामने आ गए। मध्यप्रदेश के ग्वालियर सहित चारो महानगरों और अन्य जिलों में मिले इन संदिग्ध वोटर्स के बाद एक नया सियासी बखेड़ा भी खड़ा हो गया है। यही वजह है कि विपक्ष जमकर हंगामा कर रहा है। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने इन संदिग्ध वोटर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन के निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए है।

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एक ही मकान नंबर पर दर्जनों वोटर्स

आइये आपको सबसे पहले मध्य प्रदेश के ग्वालियर लेकर चलते है। जहां लगभग 16 हजार 426 संदिग्ध वोटर्स सामने आए है। इन्हें संदिग्ध की श्रेणी में इसलिए लिया गया है क्योंकि इन सभी के एड्रेस में गड़बड़ियां है। जिला प्रशासन की निर्वाचन शाखा के मुताबिक एक ही मकान नंबर पर दर्जनों वोटर्स रह रहे है। यह सभी लोग चतुर्वेदी, मिश्रा, कांटे, श्रीवास्तव और तोमर समेत अन्य सरनेम वाले है, लेकिन इनके वोटर कार्ड पर मकान नंबर एक ही लिखे है। जिला सामान्य निर्वाचन शाखा ने चुनाव आयोग के निर्देश पर वार्ड वार, भाग वार ऐसी लिस्ट तैयार की है।

आपको जिले के संदिग्ध पते वाले वोटर्स के कुछ आंकड़ों से रूबरू कराते है, जो एक ही पते पर रहने वाले वोटर्स की संख्या के आधार तैयार की गई है…

ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र

  • 11 से 20 संख्या वाले मतदाता- 13951
  • 21 से 30 संख्या वाले मतदाता- 1785
  • 31 से 40 संख्या वाले मतदाता- 400
  • 41 से 50 संख्या वाले मतदाता- 132
  • 50 से अधिक संख्या वाले मतदाता- 158

नगर पालिका परिषद डबरा क्षेत्र

  • 11 से 20 संख्या वाले मतदाता- 1479
  • 21 से 30 संख्या वाले मतदाता- 167
  • 31 से 40 संख्या वाले मतदाता- 35
  • 41 से 50 संख्या वाले मतदाता- 11
  • 50 से अधिक संख्या वाले मतदाता- 10

नगर परिषद बिलौआ क्षेत्र

  • 11 से 20 संख्या वाले मतदाता- 175
  • 21 से 30 संख्या वाले मतदाता- 15
  • 31 से 40 संख्या वाले मतदाता- 05
  • 41 से 50 संख्या वाले मतदाता- 01
  • 50 से अधिक संख्या वाले मतदाता- 03

नगर परिषद भितरवार क्षेत्र

  • 11 से 20 संख्या वाले मतदाता- 210
  • 21 से 30 संख्या वाले मतदाता- 08
  • 31 से 40 संख्या वाले मतदाता- 04
  • 41 से 50 संख्या वाले मतदाता- 00
  • 50 से अधिक संख्या वाले मतदाता- 00

नगर परिषद पिछोर क्षेत्र

  • 11 से 20 संख्या वाले मतदाता- 200
  • 21 से 30 संख्या वाले मतदाता- 17
  • 31 से 40 संख्या वाले मतदाता- 02
  • 41 से 50 संख्या वाले मतदाता- 01
  • 50 से अधिक संख्या वाले मतदाता- 00

नगर परिषद आंतरी क्षेत्र

  • 11 से 20 संख्या वाले मतदाता- 163
  • 21 से 30 संख्या वाले मतदाता- 11
  • 31 से 40 संख्या वाले मतदाता- 02
  • 41 से 50 संख्या वाले मतदाता- 00
  • 50 से अधिक संख्या वाले मतदाता- 00

नगर परिषद मोहना क्षेत्र

  • 11 से 20 संख्या वाले मतदाता- 256
  • 21 से 30 संख्या वाले मतदाता- 25
  • 31 से 40 संख्या वाले मतदाता- 04
  • 41 से 50 संख्या वाले मतदाता- 00
  • 50 से अधिक संख्या वाले मतदाता- 00

गलती के चलते एड्रेस में बदलाव

जिले के इन आंकड़ों के आधार पर लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने एक ऐसे वोटर की तलाश की जिसके नाम को संदिग्ध वोटर की सूची में शामिल किया गया। इस दौरान हमारी टीम को विश्वविद्यालय परिसर में रहने वाली ऋषिता चतुर्वेदी की जानकारी हाथ लगी, लेकिन जब उस पते पर दस्तक दी तो, पता चला कि वह अब शहर के कॉस्मो वैली स्थित बिल्डिंग में रहती है। हमारे संवाददाता कर्ण मिश्रा वहां भी पहुंचे और ऋषिता चतुर्वेदी और उनके पिता लोकेश चतुर्वेदी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि उनके हाथ में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी वोटर कार्ड है लेकिन दोनों की ही वोटर कार्ड के एड्रेस में अंतर है, जो निर्वाचन आयोग की गलती के चलते एड्रेस में बदलाव के चलते हुआ है। उन्होंने एड्रेस बदलने के बाद बाकायदा फॉर्म भरकर अपग्रेडेशन के लिए कदम बढ़ाया था, लेकिन जब कलरफुल वोटर कार्ड उनके हाथ में आए तो वही एड्रेस पुराना मकान नंबर 14/20 के साथ उन्हें वोटर कार्ड मिला।

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ऋषिता चतुर्वेदी और उनके पिता लोकेश चतुर्वेदी

लोकेश चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी बेटी के वोटर कार्ड पर गौर नहीं किया था। इसमें निर्वाचन आयोग ने और बड़ी गड़बड़ी करते हुए हिंदी वाले एड्रेस जगह पर मकान नंबर की जगह सिर्फ मध्य प्रदेश लिख दिया है। जबकि इंग्लिश में लिखे हुए एड्रेस में बाकायदा मकान नंबर दर्शाया गया है। यही वजह है कि उनकी बेटी के वोटर कार्ड को संदिग्ध पते वाले वोटर्स की सूची में शामिल किया गया है। लोकेश चतुर्वेदी और उनकी बेटी ऋषिता चतुर्वेदी ने लल्लूराम डॉट कॉम की टीम का धन्यवाद दिया है उनका कहना है की लल्लूराम डॉट कॉम ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए वोटर कार्ड सही करने के लिए जानकारी दी अब वह अपने वोटर कार्ड को सही कराएंगे ताकि भविष्य में मतदान करने के दौरान उन्हें कोई परेशानी या उनका अधिकार न छीन सके।

ग्वालियर कलेक्टर ने कही ये बात

संदिग्ध पते वाले वोटर को लेकर ग्वालियर कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान का कहना है कि यह वोटर संदिग्ध पते के चलते संदिग्ध के दायरे में आये हैं। इन सभी का मकान नंबर एक ही एड्रेस पर होने के कारण इन्हें संदिग्ध पते वाले वोटर्स की सूची में शामिल किया गया है। लिहाजा अब इन सभी ऐड्रेस का BLO के माध्यम से परीक्षण कराया जा रहा है। जहां मकान क्रमांक देने की स्थिति नहीं होगी वहां सभी के एड्रेस को अलग-अलग करने के लिए क्षेत्र क्रमांक के साथ अल्फाबेटिक जानकारी को एड किया जाएगा। ताकि सही मकान नंबर के साथ लोगों की मतदाता सूची और वोटर कार्ड बन सके।

एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सॉफ्टवेयर से जब मतदाता सूचियों का मिलान हुआ तो यह संदिग्ध पते चिन्हित हुए हैं। ऐसे में अब आयोग ने एक ही पते पर रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या के आधार पर उन्हें श्रेणियां में बांटकर जांच शुरू कराई है।

ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान

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