रायपुर। अब किसानों और भू-स्वामियों को फौती, नामांतरण, बंटवारा जैसी समस्याओं को लेकर दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा. राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने 6 से 20 जुलाई तक राजस्व पखवाड़ा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाले शिविरों की जानकारी देने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराई जाएगी. इसे भी पढ़ें : ऑनलाइन सट्टा एप के जरिए मिली रकम का हवाला!, दुर्ग क्राइम ब्रांच ने रायपुर से किया व्यापारी को गिरफ्तार…

राजस्व पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाले शिविरों में प्राप्त होने वाले आवेदनों जैसेः फौती, नामांतरण एवं बटवारा, अभिलेख त्रुटि सुधार के प्रकरणों का मौके पर ही आनलाइन अपलोड कर हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन, पंचनामा कर प्रविष्टि एवं मौके पर ही नोटिस ईश्तहार जारी कर पक्षकारों को तामिली कराकर निराकरण करने को कहा गया है. शिविर स्थल पर ही बी-1, खसरा एवं किसान किताब के प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा.

इसी तरह आय, जाति, निवास प्रमाण-पत्र संबंधी समस्त आवेदनों का शिविर स्थल पर ही लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से आनलाइन प्रविष्टि एवं समय-सीमा में शत-प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं. शिविर में प्राप्त होने वाले आवेदनों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्रत्येक दिवस निर्धारित प्रपत्र में कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

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समय-सीमा के भीतर होगी कार्रवाई

सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश चंपावत से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व पखवाड़ा के अंतर्गत राजस्व न्यायालय से संबंधित लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लोक सेवाओं की अदायगी हेतु समय-सीमा में कार्यवाही की जाएगी. इसी तरह अविवादित नामांतरण और खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, वृक्ष कटाई का समय-सीमा के बाहर प्रकरणों तथा सभी राजस्व न्यायालय में शून्य आदेश पत्र वाले प्रकरणों का 15 जुलाई तक शत-प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं.

इसके साथ ही नगरीय क्षेत्रों के सीमांकन प्रकरणों का भी पूर्ण निराकरण किया जाना है. विवादित नामांतरण, विवादित खाता विभाजन और धारा 115 अंतर्गत अभिलेख त्रुटि हेतु आवेदन प्राप्त कर तथा इसके लिए जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए 31 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत निराकरण सुनिश्चित किया जाए. निराकरण नहीं करने वाले राजस्व अमले पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाएगा.

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आवेदनों का होगा त्वरित निराकरण

राजस्व विभाग के सचिव ने बताया कि इसी तरह सभी राजस्व न्यायालय में दर्ज ऐसे प्रकरण जिनकी सुनवाई तिथि अद्यतन नहीं है, उनका शत-प्रतिशत सुनवाई तिथि अद्यतन किया जाना सुनिश्चित करने कहा गया है. इसके साथ जनहानि-पशुहानि, फसल क्षति से संबंधी आर.बी.सी.6-4 के तहत प्राप्त आवेदनों का त्वरित निराकरण करने कहा गया है. राजस्व अधिकारी अधीनस्थ टेबल का निरीक्षण कर निरीक्षण प्रतिवेदन 15 जुलाई तक कलेक्टर को उपलब्ध कराएंगे. राजस्व पखवाड़ा में भू-अर्जन संबंधी प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण तथा भू-अर्जन के प्रकरणों में लिये गये सेवा शुल्क की जानकारी अद्यतन करने सुनिश्चित करेंगे.

कोटवारी और सेवाभूमि पर होगी कार्रवाई

राजस्व पखवाड़ा में भू-अभिलेख संबंधी कार्यों के अंतर्गत स्वामित्व योजनांतर्गत भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त मैप-02 का 31 जुलाई 2024 तक प्रारंभिक प्रकाशन किया जाना है. इसी तरह कोटवारो द्वारा विक्रय की गई कोटवारी और सेवाभूमि के विरूद्ध 31 जुलाई 2024 तक समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं. वार्षिकी कृषि सांख्यिकी सारणी तथा ऋतु एवं फसल प्रतिवेदन (जिंसवार) वर्ष 2023-24 का 15 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत जानकारी उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे.

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अभिलेख शुद्धता के अंतर्गत संकलन हेतु शेष खसरा, विलोपन योग्य संदिग्ध खसरा, शून्य रकबा वाले खसरा, भूमिस्वामी विहीन खसरा, भूमिस्वामी के विवरण में स्पेशल कैरेक्टर युक्त खसरा, संयुक्त खातेदार का नाम पृथक-पृथक दर्ज न होकर एक साथ दर्ज होने, त्रुटिपूर्ण खसरा, भूमिस्वामी क्रमांक निर्धारण हेतु शेष खसरा की संख्या अंतर्गत 31 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत निराकरण किया जाना सुनिश्चित करेंगे.

नक्शा बटांकन अंतर्गत जुलाई माह में प्रत्येक तहसील में 05 प्रतिशत की प्रगति करना अनिवार्य है, तथा भूमिस्वामी के खातों में आधार, मोबाईल नं. किसान किताब एवं जेण्डर की प्रविष्टि 31 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत करना सुनिश्चित करेंगे.