नितिन नामदेव, रायपुर. छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत कई किसानों को उनकी अधिग्रहित भूमि का अब तक मुआवजा नहीं मिल सका है. इसे लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से सीधी बातचीत की है. मुआवजा न मिलने के सवाल पर राजस्व मंत्री ने कहा कि भारतमाला परियोजना बहुत बड़ी परियोजना है. भू अर्जन की प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है. इस मामले में जांच हुई है, जिसमें अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है. कुछ अधिकारियों को निलंबन भी किया गया है, मुआवजा नहीं मिलने का कारण है कि एक ही प्लाट को कई प्लाटों में बांट दिया गया है. 25 करोड़ रुपए मुआवजा देना था, उसको कई गुना मुआवजा देना पड़ा है.

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. हाल ही में विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया भी था.

भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा.
इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.