पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। 15 साल से काबिज चाय वाले के टपरा हटाने राजस्व अमला बुलडोजर लेकर पहुंच गया, लेकिन चाय वाले के पक्ष में पालिका अध्यक्ष खड़े हो गए, और आखिरकार टपरे को पूरी तरह से टूटने से बचा लिया. यही नहीं टूटे हुए हिस्से को बनाने का भी भरोसा दिया है. इसे भी पढ़ें : राजस्व पखवाड़ा : फौती, नामांतरण, बंटवारा के प्रकरणों के निराकरण के लिए गांवों में लगेंगे शिविर

गरियाबंद जिला मुख्यालय में आज उस समय ऊहापोह की स्थिति बन गई जब कोतवाली के आगे मुख्य मार्ग पर चाय वाले के टपरे को हटाने के लिए राजस्व अमला बुलडोजर लेकर पहुंच गया. श्याम लाल सिन्हा बीते 15 सालों से भी ज्यादा समय से चाय व नाश्ते का दुकान लगा रहा है. जिला प्रशासन इसी स्थल पर लाइब्रेरी बनाना चाह रही थी, जिसके लिए संचालक को बगैर कोई सूचना दिए आज राजस्व अमला बुलडोजर मशीन लेकर दुकान तोड़ना शुरू कर दिया.

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सूचना मिलते ही पालिका अध्यक्ष गुफ्फूर मेमन मौके पर पहुंचकर कार्रवाई को रोका. इस दौरान नायब तहसीलदार और पालिका अध्यक्ष के बीच काफी बहस हुई. अध्यक्ष ने बगैर पूर्व सूचना और पालिका को संज्ञान में लिए हो रही इस कार्रवाई को अवैध करार दिया. आखिरकार तीखी बहस के बाद आधी-अधूरी कार्रवाई कर राजस्व अमला को वापस लौटना पड़ा.

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पालिका अध्यक्ष मेमन ने कहा कि भरे बारिश में किसी गरीब के रोजगार को छीनना न्याय नही है. ना ही ये उचित समय है. राजस्व प्रशासन ने कब्जा हटाने गलत तरीके इस्तेमाल किया है. जब तक इस चाय वाले को विधिवत विस्थापन नहीं किया जाएगा, तब तक इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. अगर कार्रवाई की जाएगी तो मैं पीड़ित परिवार के साथ जिला प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ जाऊंगा. इधर मामले में राजस्व विभाग ने चुप्पी साध ली है.

इस मामले में नायब तहसीलदार डोनेश साहू ने कहा की आवासीय स्थल पर अतिक्रमण हटाने के लिए पूर्व सूचना दिया जाता है,सड़क किनारे अतिक्रमण था।कलेक्टर सर के निर्देश पर हटाया गया है.