सत्यपाल सिंह,रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग की आज वीडियो फांफेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक हुई. बैठक में लोक शिक्षण संचालक जितेंद्र शुक्ला ने सभी जिलों से कार्यआदेश का प्रतिक्रिया लेते हुए कहा कि प्रवेश के लिए जो दिशा निर्देश जारी किया गया उसमें कहीं भी को कोताही नहीं होना चाहिए. कोरोना काल में स्कूल बंद है, तो पुस्तक बच्चों तक पहुंचाना है. एक-एक पुस्तक का रिकॉर्ड रखना होगा. संचालक ने कहा कि जो प्रवासी श्रमिक राज्य लौट कर आएं हैं उनके बच्चे जो भी क्लास में भर्ती करना है, उन्हें बिना किसी परेशानी प्रवेश देने छूट दी गई है. साथ ही छात्रवृत्ति में होने वाले वाली त्रुटी को सुधारने आदेश देते हुए कहा कि एक भी बच्चे का बैंक एकांउट गलत ना हो, कोई भी बच्चा ना छुटे, उन्हें इस योजना का लाभ मिले.

प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने निर्धारित पांच वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था का समीक्षा किया. जिसमें अपेक्षा अनुरूप रिजल्ट नहीं मिलने पर जमकर फटकार लगाई और आगामी दिनों व्यवस्था दूर अच्छे परिणाम देने के लिए दिशा निर्देश दिए. साथ ही कहा कि अगर शिक्षक सामने नहीं आएंगे, तो बच्चे शिक्षा में पीछे रह जाएंगे. अतिथि शिक्षकों को भी मौका दिया जाएगा. प्रतिदिन के हिसाब उनका भुगतान होगा. वैकल्पिक पढ़ाई के लिए कोई दबाव पूर्ण आदेश नहीं, इसका मतलब ये नहीं है कि काम नहीं करना है. इस समय की शिक्षकों का मेनहत हमारे नजर उनकी छवी बनाएगी.