कुमार इंदर, जबलपुर। महापौर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। याचिका में महापौर का चुनाव जनता द्वारा कराने की मांग की गई है।

मध्य प्रदेश में महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से कराए जाने के शिवराज सरकार के फैसले के खिलाफ जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मंच ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। जिसमें उन्होंने महापौर का चुनाव पहले की तरह ही सीधा जनता द्वारा कराए जाने की मांग की है।

मंच ने अपनी याचिका में MP हाईकोर्ट में 1997 में दिए गए आदेश का हवाला दिया है। 1997 में MP हाईकोर्ट ने भी माना था महापौर का चुनाव जनता द्वारा ही होना चाहिए। हालांकि साल 2010 में सरकार ने महापौर का चुनाव पार्षद द्वारा कराए जाने का अध्यादेश लाया था। इसके खिलाफ साल 2010 में जनहित याचिका दाखिल की गई थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। मामले में शिवराज सरकार ने महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर जनता से कराने के निर्णय की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी जिसके बाद याचिका निराकृत हो गई थी।

अब जब शिवराज सरकार ने एक बार फिर अप्रत्यक्ष तरीके से पार्षदों द्वारा महापौर चुनाव का निर्णय लिया था जिसके बाद नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की गई है।

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