रामकुमार यादव,अम्बिकापुर– भाजपा की नई टीम में शामिल सदस्यों के सम्मान में आज अम्बिकापुर के पार्टी कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया,जिसमें पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जमकर आग उगला. बैठक में मौजूद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नई टीम में सरगुजा की जमकर उपेक्षा की गई है.

अपने संबोधन में मेजर अनिल सिंह ने पार्टी नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि हर्ष का विषय है कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के छ-सात महीने बाद विष्णुदेव साय ने सरगुजा में जिलाध्यक्ष की घोषणा की और नौ महीने बाद प्रदेश कार्यसमिति बनी..उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति में सरगुजा को जो स्थान मिला है,उससे ना तो मैं खुुश हूं और ना ही संतुष्ट हूं.उन्होंने कहा कि पिछले दो टर्म से सरगुजा जिला में हम एक भी सीट नहीं ला पा रहें हैं और दूसरी ओर कांग्रेस ने सरगुजा से दो दो कैबिनेट मेंत्री बनाये हैं और अम्बिकापुर शहर से ही चार लोगों को निगम मंडल का चेयरमैन बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है.जबकि भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में केवल दो लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है.मेजर अनिल सिंह ने विशेष आमंत्रित सदस्य बनाये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विशेष आमंत्रित सदस्य का कोई महत्व नहीं है,ये केवल नाम का है,कार्यसमिति में भी आप नहीं जा सकते हो,जब तक आपको विशेष रुप से ना बुलाया जाये.

मेजर अनिल सिंह ने कहा कि आपने बस्तर में महामंत्री का पद दे दिया,लेकिन सरगुजा को नहीं दिया.हमें उम्मीद थी कि अनुराग सिंहदेव को महामंत्री पद की जिम्मेदारी दी जायेगी,लेकिन उन्हें प्रवक्ता पद दिया गया,जो कि किसी काम का नहीं है.उन्होंने कहा कि हमें लगता था कि प्रदेश की टीम में सरगुजा जिले का प्रतिनिधित्व होगा,लेकिन वो प्रतिनिधित्व नहीं हुुआ,इससे मैं हर्षित नहीं हूं, दूसरे लोग भले ही हर्षित हों लेकिन मैं हर्षित नहीं हूं.उन्होंने कहा कि हमारे सामने इतना बड़ा संघर्ष है,कांग्रेस के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई है, उसके बाद भी आप सरगुजा को प्रतिनिधित्व नहीं दे रहे हो और हमसे रिजल्ट की उम्मीद लगाते हो.बताईये ऐसे में कहां से ये सब होगा. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे,संघर्ष करेंगे,चाहेंगे कि रिजल्ट दें,मगर प्रदेश नेतृत्व को भी सोचना चाहिये था कि सरगुजा की परिस्थितियां क्या है,उसके अनुसार प्रतिनिधित्व देना था,लेकिन प्रदेश नेतृत्व ने इन बातों का ध्यान नहीं रखा.

 

मेजर अनिल सिंह ने कहा कि मैं किसी से डरता नहीं,मैं प्रदेश उपाध्यक्ष था तो भी हमारी सरकार में कार्यकर्ताओं की कैसी उपेक्षा होती थी,ये किसी से छिपी नहीं है,जबकि तात्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कार्यकर्ताओं के सम्मान की बात करते रहते थे.लेकिन अफसरशाही इतनी हावी थी कि कार्यकर्ता हमेशा उपेक्षित ही रहे.कार्यकर्ताओं और नेताओं को अपना इज्जत बचाना मुश्किल हो गया था.मेजर अनिल सिंह ने कहा कि इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद मैंने 45 साल से पार्टी के लिये काम किया और जो भी जिम्मेदारी दी गई उसे पूरी ईमानदारी से निभाने की कोशिश किया.लेकिन आज स्थिति ये है कि 80-90 लोगों की कार्यसमिति में मुझे रखने लायक स्थिति नहीं बनी और मुझे विशेष आमंत्रित सदस्य बना दिया गया. मेजर ने नाराजगी भरे स्वर में कहा कि विशेष आमंत्रित सदस्य बनाने की क्या जरुरत थी,छोड़ देना था.मैं तो वर्तमान कार्यकारिणी से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हूं और इस सम्मान कार्यक्रम के माध्यम से अपना विरोध प्रकट कर रहा हूं.