विप्लव गुप्ता, पेण्ड्रा। कस्टम मिलिंग में लापरवाही बरतना राइस मिलर को महंगा पड़ गया. प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए पेंड्रा के भुवाजी फार्मर प्राइवेट लिमिटेड राइस मिल को काली सूची में डाल दिया है, इसके साथ कस्टम मिलिंग के लिए मिल को मिली अनुमति भी निरस्त कर दी है. नवीन जिले में किसी भी मिल के खिलाफ यह पहली बड़ी कार्रवाई है.
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एवं खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग में अनियमितता और लापरवाही को प्रशासन बिल्कुल भी नजरअंदाज करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है. 2 दिनों पूर्व जिला कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम, डीएमओ और फूड इंस्पेक्टर की संयुक्त टीम बनाकर धान उठाव में लापरवाही एवं कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करने में देरी करने वाले जिले के सभी राइसमिलरो के यहां छापेमार कार्रवाई की.
राइस मिल लो का स्टॉक वेरिफिकेशन धान के उठाव की मात्रा के अनुरूप कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करने के अनुपात का परीक्षण करते हुए उनके द्वारा प्रतिमाह खपत की गई बिजली से यह अनुमान लगाया गया कि किस-किस मिलर में धान उठाव में लापरवाही की है. इस पर प्रशासन ने कार्रवाई की साथ ही पेंड्रा के भुवाजी फार्मर्स प्राइवेट लिमिटेड राइस मिल के प्रोपराइटर अमन गोयल को खरीफ विपणन वर्ष 2020 21 के लिए किए गए आवेदन के विरुद्ध 4800 मीट्रिक टन धान की मिलिंग के लिए मिली अनुमति को निरस्त कर दिया है.
फर्म संचालक ने अनुमति के बाद जिला विपणन अधिकारी के साथ पूरी मात्रा के अनुबंध का निष्पादन नहीं किया, साथ ही निर्धारित तिथि तक बैंक गारंटी भी जमा नहीं किया. इस पर फर्म को 8 जनवरी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. फर्म के जवाब से असंतुष्ट होकर प्रशासन ने भुवाजी राइस मिल को काली सूची में डाल दिया है. प्रशासन की ओर से एसडीएम डिगेश पटेल ने बताया कि कस्टम मिलिंग पालिसी का स्पष्ट उल्लंघन होने के कारण राइसमिलर पर कार्रवाई की गई है, और आगे भी कार्रवाई होती रहेगी.