गौरव जैन, जीपीएम. वर्ष 2021-22 में पेंड्रारोड के एक राइस मिलर की चार फर्मों द्वारा कथित तौर पर फर्जी बैंक गारंटी को जिला विपणन कार्यालय में प्रस्तुत कर धान उठाव किए जाने का मामला सामने आया है. शिकायतकर्ता ने इस मामले में कलेक्टर को जानकारी देते हुए पूरे प्रकरण के जांच की मांग की है. जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया है कि, पेंड्रारोड अंजनी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित चावल व्यवसाई और राइस मिलर के खिलाफ कथित तौर पर फर्जी बैंक गारंटी लगाकर धान का उठाव किया गया है.

जानकारी के अनुसार, बैंक द्वारा इस फर्म को वर्ष 2021-22 में लगभग 24 करोड़ की बैंक गारंटी स्वीकृत की थी. जिसमें उक्त राइस मिलर द्वारा जिला विपणन कार्यालय में लगभग 44 करोड़ की बैंक गारंटी जमा कर धान का उठाव किया गया है. वहीं इस मामले में शिकायतकर्ता ने जिला विपणन अधिकारी लोकेश देवांगन पर मिलीभगत का आरोप लगाया. शासन द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए बैंक गारंटी को बैंक से सर्टिफाई मेल से मंगवाया जाता है, जबकि इस मामले में उक्त अधिकारी द्वारा कथित तौर में फर्जी सील लगाकर मैनुअली जमा कर लिया गया था. इसके साथ ही पेंड्रारोड स्टेट बैंक के एक आला अधिकारी की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए 20 करोड़ की कथित फर्जी बैंक गारंटी पर संदेह जताया है.

इस मामले में कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने बताया कि, फर्जी बैंक गारंटी देकर धान उठाव करने की शिकायत मिली है. मामले की जांच की जा रही है. साथ ही संबंधित बैंक और विपणन विभाग से इस प्रकरण के संपूर्ण दस्तावेजों की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही संबंध में कुछ कहा जा सकेगा.

इस मामले में लल्लूराम डॉट कॉम ने जिला विपणन अधिकारी लोकेश देवांगन से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि, जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. हमारे पास कस्टम मिलिंग के लिए बैंक गारंटी मेल और मैनुअली दोनों प्रकार से आती है, जिसकी पुष्टि हम संबंधित बैंक से ही करते हैं. इसलिए बैंक से प्राप्त किसी भी राइस मिलर की बैंक गारंटी को हम किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं कर सकते. इस प्रकरण की बैंक गारंटी की पुष्टि संबंधित बैंक अधिकारी से करा ली गई थी.

भारतीय स्टेट बैंक पेंड्रारोड के मुख्य प्रबंधक एस टोप्पो ने बताया कि, जो भी दस्तावेज बताएं जा रहे हैं वो कूट रचित हो सकते हैं. बैंक द्वारा जारी की जाने वाली गारंटी की एक निर्धारित प्रक्रिया है, उन्ही मापदंडों के आधार पर बैंक गारंटी दी जाती है. जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा जांच की जा रही है. इस प्रकरण से जुड़े सारे दस्तावेज मांगने पर जांच अधिकारी को उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

इस मुद्दे पर चावल व्यवसायी राइस मिलर गोपाल अग्रवाल का कहना है कि, फर्जी बैंक गारंटी के बारे में मैं सपने में भी नहीं सोच सकता. मेरा इतना बड़ा व्यवसाय है, मेरी छवि को खराब करने का कुचक्र किया जा रहा है. सरकार को सहयोग करने को मैं सदैव तत्पर रहता हूं. इस प्रकरण की जांच में मुझसे जो भी सवाल-जवाब किया जाएगा मैं उसके लिए तैयार हूं. इस प्रकार इस मामले की गंभीरता से जांच कर सच्चाई सामने आना चाहिए जिससे भ्रम का निवारण हो.