पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. सुपेबेड़ा किडनी पीड़ितों का हाल जानने पहुंची ऋचा जोगी ने पीड़ित परिवारों से मिलकर हाल-चाल जाना. ऋचा जोगी ने कहा कि सरकार एक मौत की कीमत 50 हजार रूपए देकर अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाना चाह रही है. उन्होंने कहा कि जो पीड़ित है उनका उपचार और जो स्वस्थ हैं उन्हें साफ पानी देने में सरकार नाकाम रही है. इस दौरान जोगी ने एक पीड़ित परिवार को  12 हजार 700 रुपए जुटाए पीड़ित को दिए. बता दें कि सोमवार को सरकार द्वारा 96 पीड़ित परिवार को 50 हजार की सहायता राशि दी गई थी.इसे अपर्याप्त बताते हुए ऋचा जोगी ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि सरकार सूपेबेड़ा में जल्द हालात नहीं सुधारती,तो वे इसी गांव में झोपड़ी बनाकर निवास करने लगेंगी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक यंहा साफ पानी व पीड़ितों के लिये उपचार की व्यवस्था नहीं की है. सरकार अब तक किडनी रोग किस कारण हो रहा है, इसका तक पता नहीं लगा सकी है. पानी में कैडमियम, क्रोमियम जैसे हैवी मेटल मिले हैं, इसको उपचारित करने कोई पहल नहीं हुआ है. रिमूवल प्लांट के नाम पर 1 करोड़ पानी में फूंक दिया गया. इसके बावजूद भी फ्लोराइड रिमूवल नहीं हो पा रहा है औऱ अार्सनिक का प्लांट बेकार साबित हुआ है. ऋचा ने कहा ये बाते मैं नहीं, सरकार की रिपोर्ट कह रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार की संजीवनी, स्मार्ट कार्ड योजना किसी काम की नहीं है. जितनी भी योजना चल रही वो सिर्फ दिखावे के लिए रह गए है. इसलिए एक पीड़ित परिवार को पैसे कलेक्ट कर सहायता राशि दी जा रही है. किडनी प्रभावितों के घर-घर जा रही ऋचा जब जयसन पटेल के घर पहुंची तो एक 19 साल की बेटी कालेन्द्री बिस्तर में जिंदगी और मौत से जूझते दिखी.

पीड़ित के परिजन ने ऋचा को बताया कि बच्ची के दिल में छेद है. इलाज में 5 लाख लगेंगे. बिना पैसे इलाज नहीं हो पाने के कारण बिस्तर में जिंदगी से जूझ रही है. हर दो घण्टे बाद बेहोश हो रही है. यहां तक कि ऋचा जब पहुंची, उस दौरान भी बच्ची बेहोश हो गई. जयसन स्वयं किडनी का मरीज है. इलाज में ढाई लाख खर्च कर किसी तरह पालन पोषण कर रहा है. हालात जानने के बाद ऋचा ने सहयोग करने की अपील की जिसके बाद वहां मौजूद कार्यकर्ताओं और लोगों ने 12 हजार 700 रुपए जुटाए और  पीड़ित को दिया.

देखिए वीडियो…

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