रायपुर- राज्य शासन के खाद्य विभाग की सचिव ऋचा शर्मा ने आज मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के दौरान समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का उपार्जन नीति के संबंध में विस्तृत निर्देश सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों को दे दिए गए है।

ऋचा शर्मा ने बताया कि धान खरीदी अवधि के दौरान सीमावर्ती राज्यों से धान का अवैध परिवहन कराकर राज्य के धान खरीदी केन्द्रों में धान के अवैध विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विगत खरीफ वर्ष की भांति इस खरीफ वर्ष धान खरीदी के दौरान सीमावर्ती राज्यों से प्रदेश में धान के आयात के पूर्व राईस मिलर, व्यापारी एवं अन्य आयात कर्ता को संचालक खाद्य से अनुमति प्राप्त करना जरूरी होगा। इसके लिए आवेदक द्वारा धान विक्रय करने वाली फर्म या व्यक्ति का नाम, उसका पूरा पता, धान परिवहन का मार्ग और आयात की जाने वाली धान की किस्म तथा मूल्य की जानकारी  के साथ जिस स्थल पर धान भंडारित किया जाना है, इसकी भी जानकारी देना जरूरी होगा। आवेदक द्वारा यह जानकारी प्रस्तुत किये जाने के पश्चात संचालक खाद्य द्वारा परीक्षण उपरांत राज्य में धान आयात की अनुमति दी जा सकेगी। संचालक खाद्य से धान आयात की अनुमति प्राप्त होने के उपरांत अन्य राज्यों से धान की आयात की कार्यवाही की जा सकेगी।

खाद्य सचिव ने बताया कि राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार एक हजार नौ सौ रूपए प्रति क्विंटल से अधिक मूल्य वाले सुपरफाईन धान की वैरायटी के आयात के लिए संचालक खाद्य की अनुमति आवश्यक नहीं होगी। किन्तु ऐसे धान के आयात की सूचना मिलर या व्यापारी द्वारा जिले के खाद्य नियंत्रक अथवा खाद्य अधिकारी को देना होगी। राज्य शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि इस खरीफ वर्ष 2018-19 में धान खरीदी का कार्य प्रारंभ होने के पूर्व 15 अक्टूबर 2018 तक प्रदेश में संचालित सभी राईस मिलरों के धान एवं चांवल के स्टाक का सत्यापन करना जरूरी होगा। इसकी जानकारी खाद्य विभाग की वेबसाइट में भी दर्ज की जाएगी। इस संबंध में खाद्य संचालक द्वारा 6 सितम्बर 2018 को राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए गए है।