नई दिल्ली. इस बार दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड बेहद खास रही. इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में बदलाव देखने को मिला. पहली बार ऐसा हुआ कि परेड में वीवीआईपी कल्चर (VVIP culture) को खत्म करके आम आदमी को महत्व दिया गया.

दरअसल, दिल्ली के कर्तव्य पथ पर सुबह साढ़े दस बजे से लगभग डेढ़ घंटे तक देश की सैन्य, सांस्कृतिक, लोकतांत्रिक और राजनीतिक शक्ति की झांकी निकाली जा रही थी. साथ ही परेड में सैन्य दस्ते में शामिल थे. कर्तव्य पथ के दोनों और देशप्रेमियों का हुजूम था. इस बीच एक नई तस्वीर देखने को मिली. परेड के दौरान वीवीआईपी कल्चर (VVIP culture) को खत्म करते हुए मुख्य मंच के सामने पहली पंक्ति में रिक्शा चालक, छोटे पंसारी और सब्जी विक्रेताओं के लिए सीट रिजर्व रखी गई थी.
जिन्होंने प्रथम पंक्ति में बैठकर गणतंत्र दिवस समारोह का लुत्फ उठाया.

विस्टा परियोजना के कर्मचारियों के परिवार भी हुए शामिल

इसके अलावा श्रमजीवी, सेंट्रल विस्टा परियोजना के कर्मचारी, उनके परिवार और कर्तव्य पथ के रख-रखाव कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस परेड में विशेष निमंत्रण दिया गया था. बता दें कि गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.

इस बार परेड में पहली बार BSF ऊंट दस्ते की महिला टुकड़ी कदमताल करती नजर आईं. बीएसएफ का ऊंट दस्ता 1976 से गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में हिस्सा लेते आ रहा है. इस बार गणतंत्र दिवस परेड में कुल 23 झांकियां शामिल हुईं. इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 17 और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से 6, ज्यादातर झांकियों की थीम के रूप में ‘नारी शक्ति’ के साथ भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक और सामाजिक प्रगति का चित्रण किया गया.