प्रदीप शर्मा/गोपालगंज: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सोलर लाइट योजना में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. यह मैं नहीं कह रहा सरकार द्वारा चयनित एजेंसी के द्वारा लगाए गए सोलर स्ट्रीट लाइट की बंद रोशनी यह बताने को काफी है कि वेंडर के द्वारा लगाए जा रहे लाइट में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. 

बता दें कि बिहार की नीतीश सरकार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन हरियाली योजना के तहत राज्य में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने को लेकर इस योजना की शुरुआत की थी. राज्य के सभी जिलों के 516 प्रखंडों के 7 हजार 740 पंचायतों में 6 लाख 79 हजार 24 सोलर लाइट लगाने का लक्ष्य सरकार ने रखा, लेकिन मई 2024 तक कि अगर बात कर ले, तो मात्र 377 प्रखंडों की 3521 पंचायतों के 13 हजार 496 वार्डों में 1 लाख 34 हजार 239 सोलर लाइट लगाई जा चुकी है.

बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री बोले

इस मामले में बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य भर में कुल 11 लाख 75 हजार सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाए जाएंगे.

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वेंडर की मनमानी से ड्रीम प्रोजेक्ट पर लगा ग्रहण

विभाग के मुताबिक बिहार की नीतीश सरकार ने इस योजना की शुरुआत इसलिए किया था कि पंचायत के हर वार्ड को रोशन किया जा सके. जिससे बिजली की खपत कम हो हर वार्ड में 10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाकर उसे रोशन किया जा सके, लेकिन इस योजना पर पलीता लगना शुरू हो गया है. 

करोड़ों के खर्च के बाद भी अंधेरे में गांव

विभाग ने हर जिले के पंचायती राज पदाधिकारी को सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी के माध्यम से ही वेंडर का चुनाव कर सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य किया जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि जिस सोलर लाइट को लगाने के लिए सरकार 30 हजार रुपया खर्च कर रही है. वहीं, अगर वार्ड की बात कर ले तो एक वार्ड को रोशन करने के लिए सरकार 3 लाख रुपये का खर्चा उठा रही है, उस लाइट को लगाए अभी एक माह नहीं हुए हैं. उसमें आधे से अधिक लाइट 10 बजे रात के बाद अंधेरा कायम कर रहे हैं. इसको लेकर पंचायत के मुखिया बाकायदा 15 वित्त योजना के तहत बिल बना इस एजेंसी को दे भी चुके हैं, लेकिन आज भी वार्ड अंधेरे में है. कॉन्टैक्टर द्वारा लगाए गए 50% सोलर लाइट खराब हो चुके हैं.

क्या बोले बीपीआरओ?

वहीं, इस मामले में गोपालगंज के भोरे प्रखंड क़े बीपीआरओ सुनील कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि आधा से अधिक सोलर लाइट खराब हो चुके हैं. इसका रिपोर्ट भी जिला पंचायती राज पदाधिकारी को भेजा जा चूका है. साथ ही वरीय पदाधिकारी को इस बात से भी अवगत कराया गया है कि जब तक यह सोलर लाइट ठीक नहीं होंगे, तब तक दूसरा लाइट इस प्रखंड में नहीं लगाया जाए. 

जिसने भेजी सूची उसी ने दर्ज कराया रिपोर्ट

भोरे पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि धर्मेन्द्र सिंह और खदही पंचायत के मुखिया शाह आलम हरिदिया के मुखिया ने बताया कि पंचायत में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए अभी 15 दिन नहीं हुए हैं. आधे से अधिक लाइट खराब हो चुके हैं. यही स्थिति रहा तो कैसे 5 सालों तक रोशन होगे वार्ड. कहीं ना कहीं इसमें वेंडर के द्वारा धांधली की गई है और इसकी सूचना बीपीआरओ को दी गई है.

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