नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की मंगलवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इन फैसलों में सबसे अहम फैसला ऑनलाइन गेमिंग को लेकर किया गया है. अब इस इंडस्ट्री पर 28 फीसदी का जीएसटी लगाया गया है. इस फैसले पर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में उतरे ‘भारत-पे’ के को-फाउंडर अश्नीर ग्रोवर ने खुलकर नाराज़गी जताई है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ‘आरआईपी (श्रद्धांजलि) – भारत में रियल मनी गेमिंग उद्योग.’

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर 28 फीसदी का जीएसटी लगाए जाने के सरकार के फैसले पर नजारा, गेम्सक्राफ्ट, जुपी और विंजो जैसी गेमिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जीएसटी काउंसिल का यह फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन है.

वहीं हाल ही क्रिकपे नाम से ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप शुरू करने वाले अश्नीर ग्रोवर ने ट्वीट कर कहा कि अगर सरकार सोच रही है कि ₹72 पॉट एंट्री (28% सकल जीएसटी) पर खेलने के लिए लोग ₹100 लगाएंगे; और यदि वे ₹54 जीतते हैं (प्लेटफ़ॉर्म शुल्क के बाद) – तो उन्हें उस पर 30% टीडीएस का भुगतान करना होगा – जिसके लिए उन्हें पहले मॉनसून में अपने लिविंग रूम में मुफ्त स्विमिंग पूल मिलेगा – ऐसा नहीं हो रहा है!

उन्होंने आगे लिखा कि फंतासी गेमिंग (Fantasy gaming) उद्योग का हिस्सा बनना अच्छा था – जिसकी अब हत्या हो चुकी है. इस मॉनसून में 10 अरब डॉलर बरबाद हो गए. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि स्टार्टअप संस्थापकों के लिए राजनीति में प्रवेश करने और प्रतिनिधित्व करने का समय आ गया है – या यह एक के बाद एक उद्योग का भविष्य होने जा रहा है.

बता दें कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगायी जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का मंगलवार को फैसला किया था. सिनेमाघरों में बिकने वाले खाने-पीने के सामान पर कर की दर घटाने के साथ उपकर के लिये एसयूवी की परिभाषा को भी अब बदल दिया गया है.