छत्तीसगढ़ शासन की योजना रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को देश ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी नई पहचान मिल रही है. देश-प्रदेश के साथ विदेश से भी रीपा को ऑर्डर मिल रहे हैं. ना केवल पहचान बन रही है, बल्कि इससे महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को आजीविका का साधन मिल रहा है. भूपेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लगातार प्रयास कर रही है. जिसका परिणाम अब सामने आने लगा है. महिलाएं हों या फिर युवा, अब ये सभी हुनरमंद होकर छोटे-छोटे रोजगार के जरिए स्वाबलंबी बन रहे हैं.

धरसींवा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत ग्राम निलजा के रीपा में बनाए गए उत्पाद की मांग विदेशों तक हो रही है. इस रीपा से जुड़े हुए संस्था राईस बाउल के उत्पाद खरीदने के लिए फिलिपींस, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका से डिमांड आ रही है.

ट्रेनिंग लेकर शुरू किया प्रोडक्ट का निर्माण

राईस बाउल कंपनी के संस्थापक निपुण बताते हैं कि कंपनी शुरू करने से पहले उन्होंने रीपा से ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने अपने प्रोडक्ट का निर्माण शुरू किया. वे कहते हैं कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते हैं, यहां चावल का उत्पादन बहुत है, इसलिए अपनी ब्रांड का नाम राइसबाउल रखा है. साथ ही घर में चावल से प्रोडक्ट्स जैसे बड़ी, चाकोली, नाचोस, मिक्सचर बनाने का काम शुरू किया.

लोकल मार्केट में अपने प्रोडक्ट को पहुंचाने के बाद निपुण ने अपने ब्रांड के नाम से वेबसाइट बनाया. वेबसाइट के जरिए छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य दूसरे राज्यों में भी राइसबाउल के प्रोडक्ट्स को पहुंचाने का काम किया. आज गांव में रीपा स्थापित होने से गांव के महिलाओं और युवाओं को स्थायी रोजगार का अवसर मिला है. रीपा के तहत प्रशिक्षण लेने के बाद समूह के सदस्यों का मनोबल बढ़ा है. जिससे महिलाएं और युवा विश्वास और हौसले के साथ स्व-रोजगार की राह पर चल पड़े हैं.

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