कपिल मिश्रा, शिवपुरी। पीएम आवास योजना पर मंहगाई की मार पड़ी है। पिछले एक साल के अंदर ही घर बानने में इस्तेमाल होने वाले सामान में कई गुना की बढ़ोतरी हुई  है। वहीं गरीबों को सरकार से अब भी घर बनाने के लिए तीन किस्त में सिर्फ 1.2 लाख रुपए ही मिल रहे हैं। रुपए कम मिलने के कारण गरीबों के घर अधूरे पड़े हुए है। कोई छत की जगह टीन शेड तो कोई प्लास्टिक डालकर उसके नीचे रहने को मजबूर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबों को फ्री रेत देने का एलान किया था। हालांकि हकीकत यही है कि गरीबों को छड़, सीमेंट, ईंट के साथ रेत भी खरीदना पड़ रहा है।

बढ़ती मंहगाई का असर किस प्रकार से प्रधानमंत्री आवास योजना पर पढ़ रहा है इसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए Lalluram.Com की टीम शिवपुरी जनपद के ग्राम पंचायत कुअंरपुर पहुँची। जहां ग्रामीणों को मिले आवासों को देखा तो कई आवास अधूरे पड़े थे, कईयों ने सिर छुपाने के लिए छत पर टीन शेड डालकर रहने को मजबूर हैं और कुछ के आवास की राशि ठेकेदारों ने डकार ली।

लगभग सभी ग्रामीण अंचल में एक जैसा माहौल है। जिसमें हितग्राहियों के खाते में दो क़िस्त पहुँच गई परन्तु अब तक उसके पिलर तक सही से खड़े नहीं हो सके, तो कुछ की तीन क़िस्त मिल चुकी हैं परन्तु मिली राशि से वह छत नहीं डाल सका और अब छत की जगह टीन-शेड डालकर गुजारा कर रहा हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण अंचल में हितग्राहियों को दी जा रही वह उस राशि के पैसों से घर बनाने में असमर्थ हैं।

राशि पूरी निकली, नहीं बनवा पाया छत 

ग्राम कुअंरपुर में जब हमने पुरन आदिवासी को मिले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का मुआयना किया तो आवास में किचिन के नाम की सीसी की टेबलनुमा बनी थी। छत पर टीन शेड की चद्दर लटकी हुई थी। जब हमने इसके बारे में पूरन आदिवासी से पूछा, तो पूरन ने बताया कि उसे अब तक तीन किस्तों में 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि मिल चुकी है। जितनी भी राशि मिली सारा पैसा उसने आवास में ही लगा दिया परन्तु वह मिले पैसों से छत नहीं डाल पाया छत की जगह उंसे टीन शेड बिछानी पड़ी, क्यों कि जितने पैसे मिले थे वह खत्म हो चुके थे।

आवास योजना की दीवारों के बीच मिली झोपड़ी 

वहीं ग्राम कुअंरपुर में एक ऐसा प्रधानमंत्री आवास नजर आया जिसमें आवास की चारों दीवारों को खड़ा तो कर दिया था। वाकायदा गेट भी लगा दिया था। जब हमने गेट खोल कर इस आवास का हाल जाना तो दंग रह गए, यहां दीवारों के बीच एक छोटी झोपड़ी बनी हुई थी। जिसमें हितग्राही रहने को मजबूर हैं। जब इसके बारे में पूछा तो हितग्राही की माँ माखन देवी ने बताया कि उन्हें आवास योजना में मिलने वाली तीनों किस्तों से 1 लाख 20 हजार रुपये मिल चुके है उन पैसों से महंगाई के चलते यह आवास इतना ही बन पाया हैं। इसी बजह से चार दीवारों के बीच कच्ची झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं।

छत की जगह टीन शेड 

पुन्ना आदिवासी के बेटे की भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुटीर बन कर तैयार हो चुकी है। लेकिन यहां भी छत सीसी की जगह टीन शेड (चद्दर) की डाली गई पुन्ना आदिवासी का कहना है कि महंगाई के दौर में आज सब कुछ महंगा है ऐसे समय में जितना पैसा मिला उसे लगा दिया। छत डालने के लिए पैसे नहीं बचे इसलिए छत पर टीन शेड डालनी पड़ी।

दो किस्त की मिली राशि पर खड़े भी न हो सके पिलर 

हितग्राही राकेश वाल्मीकि मिला, जिसका आवास का सपना अब सरकार की राशि से बनना संभव नहीं है।राकेश को अब तक दो किस्त में 80 हजार रुपए मिल चुके हैं। हालांकि उसने यह पूरा पैसा आवास बनाने के लिए एक ठेकेदार को दे दिए। ठेकेदार द्वारा आवास के पूरे पिलर भी खड़े नहीं किए। इसके बाद अब राकेश वाल्मीकि परेशान हैं ।आगे मिलने वाली तीसरी क़िस्त के तौर पर जो 40 हजार रुपए उसे मिलेंगे। उससे वह अपने आवास को कैसे रहने लायक बना पाएगा।

सीएम कर चुके हैं आवास योजना में मुफ्त रेत देने की घोषणा

ऐसा नहीं कि आवास योजना पर पड़ने वाली महंगाई की मार से सरकार वाकिफ नहीं है। महंगाई के कारण अभी हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक मंच से पीएमएवाई के लाभार्थियों को घर बनाने लिए मुफ्त रेत मुफ्त देने का ऐलान किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा था कि प्रदेश सरकार अपनी रेत नीति में संशोधन करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को लाभ मिल सके। परन्तु मुख्यमंत्री की यह घोषणा अब तक धरातल पर नहीं उतर सकी।

साहब को पता ही नहीं गरीबों का हाल 

जिला पंचायत CEO एच पी वर्मा से जब आवास योजना में मिलने वाली राशि की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचल में आवास योजना में हितग्राही को मिलने वाली राशि एक लाख बीस हजार रुपए है।इतने में आवास बन जाता है। जब CEO जिला पंचायत को छत पर सीसी की जगह टीन शेड डाले जाने का पूछा तो उन्होंने कहा सभी आवासों में छत में सीसी डालने का प्रावधान है। अगर कहीं छत पर टीन शेड डाली जा रही है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिला पंचायत CEO ने फ्री रेत देने की बात पर कहा कि अभी उन्हें फ्री रेत देने का कोई पत्र सरकार से नहीं मिला है।