आमोद कुमार/आरा/भोजपुर। बिहार की धरती पर शुक्रवार का दिन महिला सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक रहा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की 75 लाख महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की। इस योजना के अंतर्गत 7500 करोड़ रुपए की राशि सीधे महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। इस कार्यक्रम का एक विशेष क्षण तब बना जब भोजपुर जिले की जीविका दीदी रीता देवी से प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधी बातचीत की।

5,000 से शुरू किया सफर

मोहम्‍मदपुर गांव की रहने वाली रीता देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि वर्ष 2015 में उन्होंने जीविका समूह से जुड़कर 5000 के ऋण से मुर्गी पालन का कार्य शुरू किया था। शुरूआती संघर्षों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। समय के साथ उन्होंने अंडा बेचने के व्यवसाय को विस्तार दिया और आज वे ‘लखपति दीदी’ के रूप में जानी जाती हैं।

प्रधानमंत्री से बातचीत को बताया गौरवपूर्ण पल

रीता देवी ने प्रधानमंत्री से संवाद करते हुए कहा यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। मैं सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता का उपयोग अपने व्यवसाय को और भी आगे बढ़ाने में करूंगी। उनकी बातों ने ना सिर्फ प्रधानमंत्री को प्रभावित किया, बल्कि देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गईं।

आत्मविश्वास से भर रही सरकार की योजना

रीता देवी की कहानी उन लाखों महिलाओं को राह दिखा रही है जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रही हैं। उन्होंने कहा कि कठिन हालातों में भी अगर समर्पण और लगातार प्रयास किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने अन्य महिलाओं से भी जीविका समूह से जुड़ने और स्वरोजगार अपनाने की अपील की।

सरकार की पहल से महिलाओं को मिल रहा नया संबल

कार्यक्रम में अन्य जीविका दीदियों ने भी अपनी-अपनी कहानियों को साझा किया और सरकार के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक रूप से भी सशक्त होने का अहसास हो रहा है।

जिले के प्रभारी मंत्री ने की सराहना

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भोजपुर जिले के प्रभारी मंत्री एवं पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने इस पहल को महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि महिलाएं सिर्फ घरेलू कार्यों तक सीमित न रहें बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी नेतृत्व करें।