Shri Ram Darbar Ayodhya Photo. इक बार देखे जी ना भरेगा, सौ बार देखो फिर जी करेगा… राम भजन की ये लाइन आज चरितार्थ हो रही है. अयोध्या में आज श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा (Shri Ram Darbar Pran Pratishtha) पूरी हो गई. विग्रह की शोभा देखते ही बन रही है. वाकइ श्रीराम दरबार के इस मनमोहक स्वरूप को देखकर ऐसा लग रहा है कि बस देखते ही रहें.

राम मंदिर में श्रीराम दरबार के साथ ही परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्निकोण में प्रथम पूज्य श्री गणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैऋत्य कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. मुख्य मंदिर में प्रथम तल पर श्रीराम दरबार और परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस शुभ अवसर पर मौजूद रहे. काशी और अयोध्या के 101 आचार्यों ने वैदिक मंत्रों और यज्ञ के साथ यह अनुष्ठान संपन्न कराया. सुबह 6:30 बजे से आरंभ हुआ यह आयोजन वैदिक ऊर्जा से सराबोर वातावरण में सम्पन्न हुआ, जिसमें रामलला के साथ उनके पूरे दरबार के भी दर्शन संभव हुए. यह दिन भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण बन गया.
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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर एक बार फिर आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था के अद्भुत संगम का केंद्र बन गया है. मंदिर की पहली मंजिल पर भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत रूप से संपन्न हो चुकी है. यह दिव्य और ऐतिहासिक क्षण श्रद्धालुओं की आंखों में आस्था और भावनाओं का सैलाब लेकर आया. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर निर्माण कार्य तेज़ी से प्रगति पर है और विभिन्न स्तरों पर मूर्ति स्थापना का कार्य चरणबद्ध ढंग से सम्पन्न किया गया है. यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को जीवंत करने वाला क्षण भी है.

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प्रथम तल पर एक बार में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं की एंट्री
इन मंदिरों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोलने की तिथि पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना है. प्रथम तल पर स्थित श्रीराम दरबार के दर्शन के लिए सीमित संख्या में ही अनुमति दी जाएगी. संभवतः प्रति एक घंटे में 50 श्रद्धालुओं के लिए ही अनुमति पत्र निर्गत किए जाएंगे. विस्तृत योजना पर अभी न्यास में विमर्श चल रहा है.





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