कानपुर. पहले गंगा का पानी को सबसे पवित्र माना जाता था, लेकिन आज यह सबसे दूषित हो गया है. कानपुर और आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण इतना है कि कानपुर में गंगा जल पीने को तो छोड़ ही दीजिए नहाने योग्य नहीं बचा है. इसे फिल्टर करके भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यह सभी बातें सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में सामने आई है.

बता दें कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा कानपुर समेत आसपास के जिलों में गंगाजल की सैंपलिंग कराई गई थी. जिसमें गंगा के जल के कई टेस्ट कराए गए थे जिसमें इसमें मौजूद पॉल्यूशन और गंदगी के बारे में पता चल सके. वहीं रिपोर्ट में कई बेहद हैरान करने वाले तत्व सामने आए हैं. कानपुर के बिठूर से फतेहपुर के बीच गंगा का जल बेहद प्रदूषित मिला है.

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रिपोर्ट के अनुसार, गंगा के पानी का पीएच लगातार तेजी से बढ़ रहा है. कई जगह पीएच वैल्यू 8 के पार हो गई है जो पानी के खारा होने के संकेत दे रही है. ऐसे में जल में रहने वाले जीव जंतुओं पर भी खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि इसका असर सबसे पहले जीव जंतुओं पर ही पड़ता है.

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