वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। शराब डिस्टिलरी से निकलने वाले पानी से नदी के प्रदूषित होने के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पिछले 5 महीनों से लिए गए पानी के सैंपलों में पर्याप्त ऑक्सीजन पाई गई है। डिवीजन बेंच ने इस मामले को मॉनिटरिंग के लिए रखकर अगस्त में अगली सुनवाई निर्धारित की है।

डिस्टलरी से निकल रहे केमिकल से शिवनाथ नदी के प्रदूषित होने, मछलियां और मवेशी मरने की जानकारी सामने आई थी। हाईकोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को गत 3 फरवरी 2025 को आवश्यक निर्देश देकर कार्रवाई के लिए कहा था। इसके अनुपालन में क्षेत्रीय अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने एक शपथपत्र प्रस्तुत कर बताया कि इस उद्योग का निरीक्षण भी क्षेत्रीय कार्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों द्वारा क्रमशः 7 मार्च और 24 मार्च 2025 को किया गया था।

निरीक्षण में पाया गया कि उद्योग ने ड्रायर और आरओ युक्त बहु-प्रभाव वाष्पीकरण प्रणाली स्थापित की है। उद्योग अपने अपशिष्ट जल का उपचार करता है और उसका पुन: उपयोग शीतलन, धूल नियंत्रण और पौधरोपण में करता है। निरीक्षण के दौरान, उद्योग शून्य उत्सर्जन की स्थिति पाया गया। विभाग के सबंधित अधिकारी निरंतर निगरानी रख रहे हैं।

सोमवार को कोर्ट को बताया गया कि लगातार पानी का सैंपल लिया जा रहा है। इस दौरान ऑक्सीजन का लेवल 5 से उपर है। मछली पालन के लिए लेवल 4 होना जरूरी है। इस तरह यहां आक्सीजन की सही मात्रा है जो आवश्यक मानदंडों को पूरा करती है।