कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कल यानी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर ग्वालियर में स्वर्ण रेखा नदी को बचाने के लिए एक बड़े आंदोलन की शुरुआत होने जा रही है। नदी को बचाने के लिए एड विश्वजीत रतौनियां नदी सत्याग्रह करेंगे। सुबह 11 बजे से देर शाम तक फूलबाग लक्ष्मीबाई समाधि के पास यह एक दिवसीय सांकेतिक नदी सत्याग्रह होगा। जिसके माध्यम से नदी को उसके पुराने वैभव में लौटाने की मांग की जाएगी।
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एड विश्वजीत रतौनियां का कहना है कि, स्वर्णरेखा नदी को उसके पुराने स्वरूप में लौट के लिए ग्वालियर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने स्थानीय जिला प्रशासन और नगर निगम को सख्त निर्देश दिए थे कि इसको पुराने रूप में लौटाने के लिए तत्काल काम शुरू किया जाए। हाई कोर्ट के निर्देशों के बावजूद भी जिम्मेदार इस ओर कोई भी काम नहीं कर रहे हैं।
यही वजह है कि जिस तरह देश को आजाद करने के लिए गांधी जी ने सत्याग्रह मुहिम छेड़ी थी, उसी तरह स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए एक दिवसीय नदी सत्याग्रह किया जाएगा। यह सांकेतिक सत्याग्रह होगा, इसके बावजूद यदि जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देकर काम नहीं शुरू किया। तो फिर एक सप्ताह बाद आमरण अनशन नदी सत्याग्रह शुरू किया जाएगा। जो की एक जन आंदोलन बनेगा।
गौरतलब है कि स्वर्णरेखा नदी इतिहास के पन्नों में ग्वालियर की जीवन धारा हुआ करती थी लेकिन समय के साथ यह एक शहर के बड़े नाले में बदल गई है।
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