Bihar News: बिहार सरकार ने बहुचर्चित चारा घोटाले में गबन हुए 950 करोड़ की वसूली के लिए कोर्ट जाने की तैयारी में है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इसे लेकर जानकारी देते हुए बड़ा बयान दिया है. सरकार के इस निर्णय के बाद बिहार की राजनीतिक में सियासी पारा हाई हो गया है. एक तरफ एनडीए के साथी दल सरकार के इस पहल का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं डिप्टी सीएम के इस बयान पर राजद ने तगड़ा पलटवार किया है.

सरकारी खजाने में आएगा घोटाले का पैसा- डिप्टी सीएम

डिप्टी सीएम और सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि, कोर्ट का आदेश था कि चारा घोटाले का पैसा सरकार के खजाने में आना चाहिए. घोटाले में शामिल लोगों की संपत्तियां जब्त की गई थी. उसको कुर्क किया जाएगा और सरकारी खजाने में पैसा वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि, हम हर संभव उपाय कर रहे हैं, ताकि यह राशि बिहार के खजाने में वापस आ सके. जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे, जांच एजेंसियों से बात करेंगे.

सरकार के इस फैसले पर राजद का पलटवार

चारा घोटाले में गबन किए गए 950 करोड़ की वसूली पर RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, जब-जब बीजेपी लालू से राजनैतिक लड़ाई नहीं जीत पाती है तब-तब उसको चुनाव से पहले चारा घोटाले की याद आती है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, कल भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के यहां ED ने छापेमारी की. करोड़ों रुपये बरामद हुए. आखिर यह पैसा कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है? पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.

बिहार में आ रही है तेजस्वी सरकार- राजद

राजद प्रवक्ता ने आगे कहा कि, चारा घोटाला का मामला अभी कोर्ट में लंबित है. सर्वोच्च न्यायालय ने चारा घोटाले में लालू के दोषी होने को लेकर अपनी कोई मुहर नहीं लगाई है. इस बार एनडीए की सरकार नहीं आ रही है. तेजस्वी की सरकार आएगी. इसलिए यह बौखलाहट है और यह बात कही जा रही है कि चारा घोटाले में शामिल लोगों की संपत्ति कुर्क कर पैसे सरकार के खजाने में वापस लौटाई जाएगी.

‘राजकोष का लूटेरा है लालू परिवार’

वहीं, जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि, लालू परिवार राजकोष का लूटेरा हैं. लालू परिवार ने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है. चारा घोटाला कर काफी संपत्ति बनाई गई. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार कर जो संपत्ति अर्जित की गई थी उससे जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास व डॉ. अंबेडकर छात्रावास बने. ताकि पिछड़े-दलित जान सकें कि राज कोष का लूटेरा लालू परिवार को सिर्फ कारावास नहीं, बल्कि जमीन अधिग्रहण का दंड भी मिलना चाहिए.

बिहार का सबसे बड़ा घोटाला है चारा घोटाला

बता दें कि चारा घोटाला बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार वाला कांड है. इसमें पशुपालन विभाग के नाम पर सरकारी खजाने से फर्जी बिलों के जरिए करीब 950 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई. इसे ही चारा घोटाला नाम दिया गया. यह घोटाला 1996 में तब सामने आया, जब चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा और फर्जी दस्तावेजों का खुलासा किया.

इसमें नकली पशुओं और चारा आपूर्ति के बहाने कोषागार यानी सरकारी खजाने से पैसे निकाले गए. मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव (जो उस समय बिहार के मुख्यमंत्री थे) सहित कई नेता, अधिकारी और आपूर्तिकर्ता शामिल थे. लालू यादव चारा घोटाला के पांच मामलों में सजायाफ्ता हैं.

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