पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की सियासत लगातार गर्माती जा रही है। एक ओर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के प्रचार में जुटे हैं, तो दूसरी ओर बागी नेताओं पर कार्रवाई भी तेज हो गई है। बीजेपी और जेडीयू के बाद अब लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी अनुशासनहीनता के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है।

RJD का अनुशासनात्मक डंडा

राजद ने सोमवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल 10 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इन नेताओं पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करने और संगठन की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने यह कार्रवाई अनुशासन और संगठन की एकजुटता बनाए रखने के उद्देश्य से की है।

दो दिन पहले 27 नेताओं पर गिरी थी गाज

गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को भी RJD ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 27 बागी नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया था। वे सभी पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में सक्रिय पाए गए थे। अब 29 अक्टूबर को एक और सूची जारी कर राजद ने यह साफ संकेत दिया है कि संगठन में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इन दिग्गजों पर गिरी पार्टी की गाज

राजद द्वारा निष्कासित नेताओं की सूची में कई प्रभावशाली नाम शामिल हैं —

फतेह बहादुर सिंह, विधायक, डेहरी

सतीश कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष, नालंदा

मो. सैयद नौसादुल नवी उर्फ पप्पू खां, बिहार शरीफ

मो. गुलाम जिलानी वारसी, पूर्व विधायक, कांटी

मो. रियाजुल हक राजू, पूर्व विधायक, गोपालगंज

अमोध कुमार मंडल, प्रदेश महासचिव, पूर्णिया

वीरेन्द्र कुमार शर्मा, क्रियाशील सदस्य, सिंहेश्वर

ई. प्रणव प्रकाश, क्रियाशील सदस्य, मधेपुरा

श्रीमती जिप्सा आनंद, प्रदेश महासचिव (महिला प्रकोष्ठ), भोजपुर

राजीव रंजन उर्फ पिंकू, क्रियाशील सदस्य, भोजपुर।

राजद का संदेश साफ – अनुशासन से कोई ऊपर नहीं

राजद की इस कार्रवाई से पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह बागी तेवर अपनाने वाले किसी भी नेता को बख्शने के मूड में नहीं है। चुनावी माहौल में जहां हर वोट की अहमियत है, वहीं लालू यादव की पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि संगठन के अंदर कोई दरार न पड़े और पार्टी की एकजुटता बरकरार रहे।