Shambhavi Choudhary in Lok Sabha: संसद का मॉनसून सत्र इन दिनों खासा गरमाया हुआ है, जहां ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस चल रही है। दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप और राजनीतिक तंज का सिलसिला जारी है। इसी बीच समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी एनडीए की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में अपनी बातों को रखा।

शांभवी चौधरी से हुई ऐतिहासिक चूक

अपने भाषण में शांभवी चौधरी ने कहा, “2001 में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर हमला हुआ और कांग्रेस चुप बैठी रही।” उनके इस बयान से ऐसा प्रतीत हुआ मानो वह 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी कांग्रेस पर डाल रही हों। लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि उस वक्त केंद्र की सत्ता में कांग्रेस नहीं, बल्कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार थी।

मेज थपथपाते दिखे पार्टी के सांसद

शांभवी का यह जोशीला बयान सुनकर पास में बैठे उनकी ही पार्टी के सांसद और चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती मेज थपथपाते दिखे। लेकिन शायद उन्हें भी यह याद नहीं रहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य चूक गया है और यही चूक अब विपक्ष के लिए एक नया हमला करने का मौका बन गई है। इस बयान के बाद से सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं, जहां सत्ता पक्ष की इतिहास की भूल को लेकर विपक्ष तंज कस रहा है।

शांभवी चौधरी की भूल पर राजद का तंज

राजद नेता शक्ति यादव ने शांभवी चौधरी की भूल पर पोस्ट कर तंज कसा है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “ये मूर्ख महोदया संसद भवन को गया कॉलेज का परीक्षा भवन समझ लिया है, जहां से चोरी करके ये परीक्षा पास कर लेती हैं, जहां बिना परीक्षा दिए इनके JDU वाले मंत्री पिता अशोक चौधरी प्रोफेसर बन जाते हैं.”

शक्ति यादव ने आगे कहा, लोक सभा मानसून सत्र में समस्तीपुर कि सांसद शांभवी चौधरी 2001 के संसद हमले के लिए कांग्रेस से सवाल कर रही हैं, जिसे ये नहीं पता कि 2001 में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे, और तो और पीछे बैठे नालन्दा के JDU सांसद कौशलेंद्र कुमार और बगल में बैठे जमुई सांसद अरुण भारती इस मूर्खता और अज्ञानतापूर्ण का समर्थन करते हुए मेज थपथपा रहे.”

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