Bihar News: बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है और इसको लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग पर कई तरह के गंभीर आरोप भी लगाए हैं. तेजस्वी ने कहा है कि, बिहार के 8 करोड़ों मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर निकालने के लिए ही मतदाता पुनरीक्षण कार्य चुनाव आयोग चल रहा है. अब इस मुद्दे पर राजद सांसद मनोज कुमार झा की प्रतिक्रिया सामने आई है.
‘यह तो खारिज करने की योजना है’
राजद सांसद मनोज झा ने दिल्ली में न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, “चुनाव आयोग की मंशा तो इसी से स्पष्ट है कि 22 वर्ष बाद इस स्तर का पुनरीक्षण किया जा रहा है. ये मूलत: लोगों को बेदखल करने और खारिज करने की योजना है.”
उन्होंने आगे कहा, “हम तमाम विपक्षी दल और INDIA गठबंधन के नेता चुनाव आयोग से समय की मांग कर रहे हैं. चुनाव आयोग को ये नहीं भूलना चाहिए कि वो किसी राजनीतिक पार्टी के हितों के अभिरक्षक नहीं हैं, वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के अभिरक्षक है, जिसमें हम कई खामियां देख रहे हैं.”
मतदाता पुनरीक्षण में हुआ बड़ा बदलाव
गौरतलब है कि बिहार में राजद समेत अन्य पार्टियां इस मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम का विरोध कर रही हैं. विपक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाए जाने पर चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण के दौरान साल 2003 की निर्वाचक नामावलियां वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई हैं.
इसके मुताबिक राज्य के 4.96 करोड़ निर्वाचकों को कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत या जमा करने की जरूरत नहीं है. ऐसे में अब कुल निर्वाचकों में से लगभग 60 प्रतिशत निर्वाचकों को कोई भी दस्तावेज जमा नहीं करना पड़ेगा. उन्हें केवल वर्ष 2003 की निर्वाचक नामावलियों में से अपने विवरण को सत्यापित करना होगा और भरा हुआ गणना फॉर्म जमा करना होगा. विपक्ष के विरोध का नतीजा ही है कि आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में यह बड़ा बदलाव किया है.
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