पटना। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख और सांसद उपेंद्र कुशवाहा आज पटना के मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में दोपहर 1 बजे से विशाल रैली करने जा रहे हैं। इस रैली को कुशवाहा ने ऐतिहासिक बताते हुए दावा किया है कि मिलर स्कूल मैदान पर अब तक ऐसी रैली नहीं हुई होगी। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले यह रैली उनकी नई राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।

परिसीमन अभियान का विस्तार

उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी लंबे समय से परिसीमन सुधार को लेकर अभियान चला रही है। इसके तहत पहली रैली 25 मई को रोहतास के बिक्रमगंज, दूसरी मुजफ्फरपुर और तीसरी गया में आयोजित की गई थी। अब पटना में इस अभियान को राज्यस्तर पर मजबूत करने के लिए संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार रैली की जा रही है। कुशवाहा का कहना है कि यह केवल चुनावी राजनीति नहीं, बल्कि जनता के संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई है।

रैली के राजनीतिक मायने

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रैली सिर्फ मुद्दों की राजनीति नहीं, बल्कि कुशवाहा की ताकत दिखाने का मंच भी है। वे विधानसभा चुनाव से पहले जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी पार्टी मुद्दों की राजनीति करती है, हंगामा नहीं। 5 सितंबर को पटना का मिलर स्कूल मैदान बिहार की सियासत का केंद्र बनने जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि यह रैली परिसीमन की बहस को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाती है या सिर्फ राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन बनकर रह जाती है।

कार्यक्रम को सफल बनाएं

कुशवाहा ने कहा कि परिसीमन पर रोक लगाकर बिहार जैसे राज्यों के साथ अन्याय किया जा रहा है। यदि समय पर परिसीमन हुआ होता तो आज बिहार में 40 लोकसभा सीटों के बजाय 60 सीटें होतीं। यह हमारे साथ अन्याय और बेइमानी है। 1976 में आपातकाल के दौर में इस बेइमानी की शुरुआत हुई थी, जिसकी समय-सीमा 2026 में समाप्त हो रही है। हमारी पार्टी लगातार यह मांग कर रही है कि आगे से नई जनगणना के आधार पर परिसीमन अवश्य हो। इसी कड़ी में, बिहार लेनिन श्रद्धेय जगदेव बाबू के शहादत दिवस एवं शिक्षक दिवस के अवसर पर आगामी 5 सितंबर को पटना स्थित मिलर हाईस्कूल मैदान में राज्यस्तरीय संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली का आयोजन किया जा रहा है।
आप सभी से विनम्र निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर हमारे इस कार्यक्रम को सफल बनाएं।

5 सितंबर का प्रतीकात्मक महत्व

कुशवाहा ने इस दिन को रैली के लिए खास बताया। 5 सितंबर जहां देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, वहीं यह शहीद जगदेव प्रसाद का शहादत दिवस भी है। जगदेव प्रसाद को कुशवाहा समाज का बड़ा नेता माना जाता है। उनकी स्मृति को नमन करते हुए कुशवाहा ने इस दिन को रैली के लिए चुना है।

परिसीमन क्यों जरूरी?

कुशवाहा ने कहा कि संविधान के मुताबिक हर 10 साल पर जनगणना और उसके आधार पर परिसीमन होना चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे रोक दिया था। यही कारण है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को केवल बिहार तक सीमित नहीं रखेगी बल्कि देशभर में इसकी चर्चा करेगी। उन्होंने साफ किया कि रैली का मकसद चुनावी फायदे से ज्यादा राष्ट्रीय मुद्दे को उठाना है।

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