नई दिल्ली। केंद्र सरकार सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की मदद के लिए जल्द ही नई स्कीम का ऐलान कर सकती है. इसका नाम ‘गोल्डन ऑवर’ है. नई स्कीम के तहत दुर्घटना के पहले 60 मिनट के भीतर 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज और 7-10 दिन तक का हॉस्पिटलाइजेशन (जो भी कम हो) मुहैया कराया जाएगा.
यह पहल मोटर वाहन अधिनियम 2019 (MAV2019) का हिस्सा है. इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. ‘गोल्डन ऑवर’ शब्द सड़क दुर्घटना के बाद के उस महत्वपूर्ण 60 मिनट के समय को बताता है, जिस दौरान तुरंत चिकित्सा ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी होता है.
पायलट कार्यक्रम की रूपरेखा
- दुर्घटना की तारीख से 7 दिनों की अधिकतम अवधि के लिए प्रति दुर्घटना प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार के हकदार पीड़ित.
- सड़क की किसी भी श्रेणी पर मोटर वाहन के इस्तेमाल के कारण होने वाली सभी सड़क हादसों पर लागू.
- आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) पैकेजों को ट्रॉमा (मल्टीपल चोट) के मामलों के लिए शामिल किया जा रहा है.
- उपचार प्रदान करने के लिए अस्पतालों की ओर से किए गए दावों की राशि मोटर वाहन दुर्घटना निधि से प्रतिपूर्ति की जाएगी.
- कार्यक्रम को एक आईटी प्लेटफॉर्म के जरिए लागू किया जाएगा, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-डीएआर एप्लिकेशन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की लेन-देन प्रबंधन प्रणाली (TMS) की कार्यक्षमताओं को जोड़ता है.
इस पायलट कार्यक्रम के नतीजों के आधार पर पूरे देश में कैशलेस उपचार सुविधा के विस्तार पर विचार किया जाएगा.
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