सुरेंद्र जैन, धरसींवा। रायपुर-बिलासपुर हाईवे की सांकरा से सिमगा सिक्स लेन की सर्विस रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही और अंडरब्रिज न होने से फिर हादसा हुआ। एक साइकिल सवार बालक को हाइवा ने रौंद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को शव नहीं उठाने दिया और चक्काजाम कर दिया।


जानकारी के मुताबिक मंगलवार को तीन बजे के आसपास सांकरा निवासी कांता बाई का बारह वर्षीय बालक साइकिल से आ रहा था। तभी सांकरा में टाटीबंध ब्रिज के बाजू में सिक्स लेन की सर्विस रोड पर हाइवा ट्रक ने उसे रौंद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जब यह घटना हुई, उस समय घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर सांकरा के ग्रामीण सांकरा चौक में अंडरब्रिज की मांग को लेकर सुबह से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, वे मौके पर पहुंचे और चक्काजाम शुरू कर दिया। मृतक सांकरा का होने से सांकरा के ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए।

शव नहीं उठाने दिया, हुई झड़प
पुलिस ने जैसे ही घटनास्थल पर एंबुलेंस लाकर शव उठाने का प्रयास किया, ग्रामीणों ने उन्हें शव नहीं उठाने दिया। भारी गहमागहमी के बाद भी पुलिस के काफी प्रयासों के बावजूद ग्रामीण अड़ गए और शव नहीं उठाने दिया। चक्काजाम करते हुए उन्होंने सांसद, विधायक, एनएचएआई के अधिकारियों और कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग की।
मौके पर पहुंचे तहसीलदार और सीएसपी
सूचना मिलते ही तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे, सीएसपी पूर्णिमा लामा, धरसींवा टीआई राजेंद्र दीवान, उरला टीआई बी.एल. चंद्राकर, खमतराई टीआई, सिलतरा चौकी प्रभारी बालेश्वर लहरे और आसपास के थाना क्षेत्रों का बल मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन अपने मृत बच्चे के पास रोती-बिलखती मां वहां से नहीं हटी ‘मेरा बच्चा मुझे ला दो’ कहकर बिलखती कर रही। मां को देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं।
मां को रोता-बिलखता देख लोगों की आंखें हुईं नम
ट्रक द्वारा रौंदे गए साइकिल सवार बारह वर्षीय बालक के शव के पास उसकी मां कांता बाई रोते-बिलखते बेहोश होने लगी। एक मां को इस हालत में देख लोगों की आंखें भर आईं। लेकिन यह कोई पहला ऐसा दर्दनाक हादसा नहीं था। स्थानीय ग्रामीण ऐसे दृश्य तभी से देख रहे हैं जब से सिक्स लेन का निर्माण हुआ है।
सैकड़ों मौतों के बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो ग्रामीणों ने दिया धरना
सांकरा से सिमगा तक सिक्स लेन बनने के बाद से ही यहां सड़क हादसों की ऐसी शुरुआत हुई कि अब तक सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। ग्रामीण आंदोलन करते-करते थक गए, लेकिन एनएचएआई हो या शासन-प्रशासन के अन्य जिम्मेदार, किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।
बीते दो-तीन माह में ही यहां कई दर्दनाक हादसे हुए हैं। कुछ साल पहले अंडरब्रिज के अभाव में सिक्स लेन पार करते समय मुरेठी की सरपंच को भी ट्रक ने रौंद दिया था, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई थी। सांकरा में कवर्धा जा रही एक दुपहिया सवार मां और बच्चों को भी इसी के समीप ट्रक ने रौंद दिया था। पूर्व में भी एक बाइक सवार को निको प्लांट के सामने सिक्स लेन में घसीटते हुए ट्रक चालक इतनी दूर तक ले गया था कि उसके शव के दो टुकड़े हो गए थे। इस तरह आए दिन इस बेतरतीब ढंग से बनी सिक्स लेन पर कोई न कोई अपनी जान गंवा रहा है। लेकिन सांकरा चौक में अंडरब्रिज और सिक्स लेन पर दोनों तरफ से उतरने-चढ़ने मार्ग बनाने की मांग तीन-चार सालों से अधूरी है। इसी मांग को लेकर आज फिर ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे थे और इसी दौरान यह दर्दनाक हादसा हो गया।
हाईवे के दोनों तरफ बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां, फिर भी अंडरब्रिज नहीं
रायपुर-बिलासपुर हाईवे के सांकरा से सिमगा तक बनी सिक्स लेन के पूर्व और पश्चिम दिशा में बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां और दर्जनों गांव हैं। सांकरा में सिक्स लेन के पूर्व दिशा में 1200 एकड़ में फैला सबसे बड़ा जायसवाल निको स्टील प्लांट है, तो पश्चिम दिशा में सांकरा गांव, नाकोड़ा फैक्ट्री, वंदना फैक्ट्री सहित कई औद्योगिक इकाइयां हैं। हजारों ग्रामीणों को प्रतिदिन फैक्ट्रियों में काम के लिए सड़क पार करनी पड़ती है। सिक्स लेन बनने के बाद वाहनों की संख्या और रफ्तार दोनों में कई गुना वृद्धि हुई है, लेकिन एनएचएआई ने इसके बावजूद अंडरब्रिज नहीं बनाया। न ही सर्विस रोड को चौड़ा किया गया, जिससे यह सिक्स लेन एक ‘खूनी सिक्स लेन’ बन गई है।
तो नहीं होती एक भी मौत
सिक्स लेन के निर्माण के पूर्व ग्राम पंचायत में हुई जनसुनवाई में ग्रामीणों की मांग पर आश्वासन दिया गया था कि सांकरा चौक में अंडरब्रिज बनेगा और दोनों तरफ चढ़ने-उतरने के मार्ग बनाए जाएंगे। यदि निर्माण उसी तरह हुआ होता, और जितना अतिक्रमण हटाया गया था, उतनी चौड़ी सर्विस रोड बनाई जाती, तो सांकरा में एक भी हादसा नहीं होता, न सैकड़ों जाने जाती।
नितिन गडकरी से भी मिल चुके हैं ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक अपनी मांग पहुंचाई थी। बावजूद इसके अब तक सांकरा चौक में अंडरब्रिज की मांग पूरी नहीं हुई है। नतीजतन ग्रामीणों को पुनः आंदोलन शुरू करना पड़ा है।
ओर कितनी मौतों का इंतजार के रहा शासन-प्रशासन
लगातार हो रही मौतों के बावजूद शासन-प्रशासन सांकरा में अंडरब्रिज की ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से नहीं ले रहा है। अब सवाल यह है कि और कितनी मौतों के बाद यह मांग पूरी होगी? आखिर कितने मासूम और बेकसूरों की जानें जाएंगी?
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