नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा सीटों के परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने अनुच्छेद 370 के निष्क्रिय होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन का मसला लंबित होने की बात कही है.

जम्मू-कश्मीर में सीटों के परिसीमन के खिलाफ श्रीनगर निवासी हाजी अब्दुल गनी खान और मोहम्मद अयूब मट्टू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में आयोग का गठन संवैधानिक प्रावधानों के हिसाब से सही नहीं है.

पिछले साल पूरी हो गई थी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 13 मई 2022 को नोटिस जारी किया था, जिस पर केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और चुनाव आयोग ने याचिकाकर्ताओं की दलील को गलत बताया था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद पिछले साल 1 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रखा था.

केंद्र सरकार ने दी यह दलील

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के तहत संसद को देश में नए राज्य या प्रशासनिक इकाई के गठन और उसकी व्यवस्था से जुड़े कानून बनाने का अधिकार दिया गया है. इसी के तहत पहले भी परिसीमन आयोग का गठन किया जाता रहा है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक