हकिमुददीन नासिर, महासमुंद. राज्य में सभी को खाद्यान्न मिले व कुपोषण दूर करने के लिए पीडीएस (PDS) की खाद्यान्न योजना शुरु की गई है. गरीबों के राहत के इस योजना को सेल्समेन व समिति प्रबंधक कैसे मिली भगत कर आम ग्रामीणों का चावल डकार जाते है. इसका जीताजागता नमूना महासमुंद (Mahasamund) जिले के शासकीय उचित मूल्य की दुकान बम्बूडीह में देखने को मिला है. जहां सेल्समेन व समिति के प्रबंधक के मिली भगत की ग्रामीणों ने शिकायत की. जिसके बाद समिति प्रबंधक लोगों को पैसा बांटने लगे, इसका विडियो भी वायरल हुआ. इस मामले में खाद्य विभाग (Food Department) ने संज्ञान लिया है और जांच के लिए कमेटी गठित की गई है.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन पर चावल की जगह दस दस किलो के दो बांट रखे हैं और एक व्यक्ति राशन कार्ड को लेकर ग्रामीणों से बॉयोमेट्रिक मशीन (Biometric Machine) में अगूंठे का निशान ले रहा है. बाजू में एक व्यक्ति हाथ में रुपये लिये बैठा है, जो राशन कार्डधारियों को चावल तौल कर देने के बजाय बांट को तौलकर उन्हें पैसा वितरण कर रहा है. एक कार्ड धारक को मिलने वाले 35 किलो चावल के एवज में दस रुपये किलो की दर से 350 रुपये बांट रहा है. इस वीडियो के वायरल होते ही खाद्य विभाग में हडकंप मच गया.
डकार गये गरीबों के हक का चावल और शक्कर
पैसे बाटने का जो वीडियो वायरल हुआ है वो बावनकेरा समिति के अन्तर्गत ग्राम बम्बूडीह में राशन की शासकीय उचित मूल्य की दुकान का है. पीडीएस के इस दुकान में 300 राशन कार्ड धारक है. जिन्हे शासन से मिलने वाले खाद्यान्न को वितरण किया जाता है. इस दुकान के सेल्समेन और समिति प्रबंधक ने मिली भगत कर नवबंर के 300 क्विंटल चावल व 5.38 क्विटंल शक्कर को उपभोक्ताओं को वितरण करने के बजाय बाजार में बेच दिया और पैसे को डकार गये. ऑनलाइन रिकार्ड में उपभोक्ताओं का बॉयोमेट्रिक अंगूठा नहीं लगने के कारण नान के रिकार्ड में इस दुकान पर चावल का स्टाक होना दर्शा रहा है. जिसके कारण नान ने इस दुकान के आंवटन को रोक दिया और पिछले चार माह से उपभोक्ताओं को चावल नहीं मिला.
देखिये वीडियो
वायरल विडियो के बाद जब समिति प्रबंधक और सेल्स मेन पर खाद्य विभाग ने दवाब डाला तो समिति प्रबंधक व सेल्स मेन अब उपभोक्ताओं से बॉयोमेट्रिक अंगूठा ले रहे हैं. उसके बाद उन्हें दस रुपये प्रति किलो दर के हिसाब से चावल के बजाय नगद रुपये दे रहे हैं. इसको लेकर ग्रामीण आक्रोशित है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं समिति प्रबंधक व सेल्समेन अपने आप को पाक साफ बता रहे हैं.
दोषियों पर होगी कार्रवाई – एसडीएम
इस पूरे मामले में महासमुंद एसडीएम (SDM) का कहना है कि प्रथम दृष्टिया समिति प्रबंधक व सेल्समेन द्वारा हेराफेरी करना प्रमाणित हो रहा है. फिर भी एक कमेटी बनाकर जांच की जाएगी और दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
गौरतलब है कि शासन के नियमानुसार बॉयोमेट्रिक के आधार पर ही ऑनलाइन वितरण करना होता है. जिसकी निगरानी खाद्य विभाग करता है. उसके बावजूद इस तरह के हेरा फेरी का सामने आना कही न कही खाद्य विभाग के लापरवाही को भी उजागर करता है. बहरहाल, अब मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन क्या कार्रवाई करता है, ये देखने वाली बात होगी.
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