दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जांच वाड्रा द्वारा बेनामी लेनदेन से विदेश में महंगी संपत्तियों को खरीदने पर फोकस है। अब जांचकर्ताओं ने लंदन में संपत्तियों के साथ दुबई में खरीदे गए विला में भी रुचि ली है।

सूत्रों के मुताबिक जांचकर्ताओं ने पहले वाड्रा से 26 करोड़ रुपये कीमत वाले लंदन के 12, अलॉर्टन हाउस, ब्रायनस्टोन स्क्वायर को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा था, वहीं अब वाड्रा से यह भी पूछा गया है कि क्या वह दुबई के जुमैरा में 14 करोड़ रुपये कीमत वाले विला ई-74 से उनका क्या संबंध है।

सूत्रों के अनुसार वाड्रा से दुबई की कंपनी स्काईलाइट इन्वेस्टमेंट्स में भारी मात्रा में नकदी जमा करने को लेकर भी सवाल किए। इस कंपनी का नाम वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड से मिलता जुलता है। सूत्रों के मुताबिक वाड्रा से सीसी थम्पी से उनके संबंधों को स्पष्ट करने के लिए कहा गया। थम्पी स्काईलाइट इन्वेस्टमेंट का शेयरहोल्डर था, जिसने भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी से लंदन का फ्लैट जून 2010 में खरीदा था। ईडी को शक है कि यह कंपनी केवल एक शेल कंपनी है।

वहीं, स्काईलाइट इन्वेस्टमेंट कंपनी के साथ संबंधों को वाड्रा ने नकार दिया। जांच से जुड़े एक सूत्र के अनुसार वाड्रा घबराए से लग रहे थे। बता दें कि स्काईलाइट इन्वेस्टमेंट का नाम 30 मार्च 2013 को मेफेयर इन्वेस्टमेंट में बदल दिया गया था, जब भगोड़ा हथियार कारोबारी संजय भंडारी इनकम टैक्स की जांच में घेरे में आया था। यह आरोप है कि भंडारी ने इस फ्लैट का भुगतान उस राशि से किया जो उसे एक ओएनजीसी कांट्रैक्ट एक दक्षिण कोरियाई मल्टीनेशनल कंपनी को दिलवाने पर मिली थी।