Rohan Bopanna Retirement: भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने आखिरकार अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया है। 43 वर्षीय बोपन्ना, जिन्होंने इसी साल मिक्स्ड डबल्स में विश्व रैंकिंग में नंबर-1 स्थान हासिल कर इतिहास रचा था, ने अपने संन्यास की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) के जरिए की। उनके इस फैसले से भारतीय टेनिस जगत में भावुक माहौल है, क्योंकि बोपन्ना ने दो दशकों तक देश का नाम वैश्विक मंच पर रौशन किया।
20 साल पुराने करियर का अंत, भावनाओं से भरा संदेश
रोहन बोपन्ना ने अपने विदाई संदेश में लिखा- “एक अलविदा, लेकिन अंत नहीं”। ऐसी चीज को अलविदा कहना बहुत मुश्किल होता है, जिसने आपकी जिंदगी को अर्थ (Meaning) दिया हो। 20 अविस्मरणीय सालों के बाद अब वक्त आ गया है। मैं आधिकारिक तौर पर अपना रैकेट टांग रहा हूं। जब मैं यह लिख रहा हूं, मेरा दिल भारी भी है और आभारी भी। कूर्ग जैसे छोटे से शहर से अपनी यात्रा शुरू की, लकड़ी के ब्लॉक काटकर सर्व मजबूत की, कॉफी के बागानों में दौड़कर स्टैमिना बनाई और टूटे कोर्ट्स पर सपने देखते हुए आज दुनिया के बड़े मंचों तक पहुंचा, यह सब किसी सपने जैसा लगता है।”
रोहन बोपन्ना ने आगे लिखा, “टेनिस मेरे लिए सिर्फ एक खेल नहीं रहा, इसने मुझे जीवन का उद्देश्य दिया। जब मैं खो गया था, तब ताकत दी। जब मैं टूटा हुआ था, तब विश्वास दिलाया। हर बार जब मैं कोर्ट पर उतरा, तो इस खेल ने मुझे धैर्य, जज़्बा और दोबारा उठने की हिम्मत दी। जब मैं अंदर से कहता था कि कुछ नहीं कर सकता, तब टेनिस ने मुझे लड़ना सिखाया और सबसे बढ़कर यह याद दिलाया कि मैंने शुरुआत क्यों की और मैं कौन हूं।”
परिवार और फैंस को कहा शुक्रिया
रोहन बोपन्ना ने अपने माता-पिता का जिक्र करते हुए कहा कि वे उनके लिए असली हीरो हैं। बोपन्ना लिखते हैं, “आपने मुझे वो सब दिया जिसकी मदद से मैं अपना सपना पूरा कर सका। आपके त्याग, आपकी निःशब्द ताकत और आपके अटूट विश्वास के कारण ही मैं यहां तक पहुंचा।” बोपन्ना ने अपनी बहन (रशिम), पत्नी (सुप्रिया) और बेटी (त्रिधा) का धन्यवाद किया, जो हर मोड़ पर बोपन्ना के साथ खड़ी रहीं।
बोपन्ना ने अपने कोच, दोस्तों, साथी खिलाड़ियों और फैंस का भी आभार जताया। उन्होंने लिखा मेरे कोच, ट्रेनर, फिजियो, साथी खिलाड़ी और दोस्तों आप सभी के बिना यह सफर अधूरा होता। मेरे फैंस, आपका प्यार ही मेरी ऊर्जा रहा है। आपने मेरी जीत का जश्न मनाया और हार में भी मेरा हौसला बढ़ाया।”
दो बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन है रोहन बोपन्ना
रोहन बोपन्ना ने अपने शानदार करियर में दो ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम किए। वर्ष 2017 में उन्होंने फ्रेंच ओपन मिक्स्ड डबल्स का खिताब कनाडा की गैब्रिएल डाब्रोव्स्की के साथ जीता था। इसके बाद 2024 में, उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन डबल्स में मैथ्यू एब्डेन के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की। यह जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि बोपन्ना ओपन एरा में ग्रैंडस्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज पुरुष खिलाड़ी बने थे।
भारतीय टेनिस के सच्चे एंबेसडर
बोपन्ना न केवल कोर्ट पर अपनी सर्विस और नेट प्ले के लिए जाने जाते थे, बल्कि अपने अनुशासन और विनम्रता के लिए भी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा रहे। उन्होंने देश के लिए डेविस कप में वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया और भारतीय टेनिस को नई पहचान दिलाई।
रोहन बोपन्ना के संन्यास की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर खेल जगत और प्रशंसकों की ओर से शुभकामनाओं की बाढ़ आ गई। भारत के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने उन्हें “भारतीय टेनिस का गौरव” बताया।
बोपन्ना ने भले ही रैकेट को हमेशा के लिए रख दिया हो, लेकिन उनका नाम भारतीय टेनिस के इतिहास में “स्वर्ण अक्षरों में” हमेशा दर्ज रहेगा — एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में जिसने छोटे शहर से निकलकर विश्व टेनिस के शिखर तक पहुंचने का सपना साकार किया।
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